Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. मनुष्य के जीवन में दुखों का कारण है सिर्फ ये एक चीज, कर लिया अपने वश में जीवन हो जाएगा स्वार्थ

मनुष्य के जीवन में दुखों का कारण है सिर्फ ये एक चीज, कर लिया अपने वश में जीवन हो जाएगा स्वार्थ

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : December 31, 2020 7:57 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार आज के समय में भी प्रासांगिक हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में सफलता चाहता है तो उसे इन विचारों को जीवन में उतारना होगा। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार मनुष्य जीवन में दुख को खुद न्यौता देता है इस पर आधारित है।

'मनुष्य स्वयं ही अपने कर्मों द्वारा जीवन में दुख को आमंत्रित करता है।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य अपने कर्मों द्वारा जीवन में दुख को आमंत्रित करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मनुष्य जीवन में जो भी करता है चाहे अच्छा हो या फिर बुरा। उसे अपने कर्मों का फल इसी जीवन में मिलता है। असल जिंदगी में आपने कई बार ऐसा देखा होगा कि जिंदगी में दुख और सुख की लहर आती है। हालांकि दोनों चीजें ही अस्थायी होती हैं लेकिन ये दोनों चीजें मनुष्य के कर्मों का फल ही होता है जो उसे इसी जीवन में भुगतना पड़ता है। इसीलिए मनुष्य को किसी भी कर्म को करने से पहले सौ बार सोच लेना चाहिए कि कहीं वो दूसरों का बुरा करके अपना अच्छा तो नहीं कर रहा। ये बात भी सत्य है कि दूसरों के बारे में पहले सोचने वाले मनुष्य बहुत ही कम हैं।  

परिवार को जीते जी बर्बाद करने की ताकत रखता है इस स्वभाव वाला व्यक्ति

जीवन का सबसे कठोर सत्य है कि इस जीवन में कोई भी चीज स्थायी नहीं है। अगर मनुष्य के जीवन में  दुख और तकलीफ की छाया है तो वो उसके कर्मों का ही परिणाम है। इसी वजह से आपने कई बार लोगों से ये कहते सुना होगा कि अच्छा हो या फिर बुरा इस जन्म के कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है। हालांकि मनुष्य की ये प्रवृत्ति होती है कि वो दुख के समय यही कहता है कि आखिर उसने जीवन में ऐसा क्या किया जिसकी वजह से उसे ये सब भुगतना पड़ रहा है। लेकिन उस वक्त वो ये भूल जाता है कि वो वही भुगत रहा होता है जो उसने कर्म किए होते हैं। 

मनुष्य को कभी भी इस एक चीज का नहीं छोड़ना चाहिए साथ, वरना जीवन जीना हो जाएगा दूभर

वहीं दूसरी तरफ अगर मनुष्य की जिंदगी में सुख की लहर आती है तो वो भी उसके कर्मों का ही नतीजा होता है। कुछ लोग सुख की छाया आते ही घमंड करने लगते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यहां तक कि वो अपने से छोटे लोगों को तिरस्कार करते वक्त भी नहीं सोचते। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ना करें। क्योंकि सुख और दुख सिक्के के दो पहलू होते हैं। अगर जिंदगी में सुख है तो दुख भी आएगा और दुख है तो सुख का आना भी निश्चित है। लेकिन इतना जरूर है कि ये सब मनुष्य के कर्मों पर निर्भर करता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मनुष्य स्वयं ही अपने कर्मों द्वारा जीवन में दुख को आमंत्रित करता है।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement