आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किस तरह के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं होता।
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'दिखावा और झूठ बोलकर व्यवहार बनाने से अच्छा है कि सच बोलकर दुश्मन बना लो। आपके साथ कभी विश्वासघात नहीं होगा।' आचार्य चाणक्य
इस कथन में आचार्य चाणक्य का कहना है कि दिखावा और झूठ बोलकर अपना व्यवहार नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करके आप अपने लिए ही मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। इससे अच्छा है कि आप सच बोलकर अपना दुश्मन बना लो। ऐसा करके आप कभी भी धोखा नहीं खाएंगे।
असल जिंदगी में आपको कई तरह के लोग मिल जाएंगे। कुछ लोग किसी भी बात को कहने के लिए गोल गोल उसे घुमाते नहीं। उन्हें जो भी कहना होता है सीधे-सीधे मुंह पर बात कह देते हैं। ऐसे में बहुत ही कम लोग उन्हें अच्छा समझते हैं। ऐसे लोगों के दोस्त से ज्यादा दुश्मन बन जाते हैं। हालांकि ये लोग दिल के बहुत साफ होते हैं। लेकिन ये दूसरों को खुश करने के लिए झूठ नहीं बोलते इसलिए ऐसे लोगों से लोग बात करने से बचते हैं।
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दूसरी तरह के लोग होते हैं जो अपना व्यवहार बनाने के लिए दिखावा और झूठ का सहारा लेते हैं। उनके लिए ये मैटर नहीं करता कि वो क्या कर रहे हैं। उनके लिए ये मैटर करता है कि सामने वाला हमेशा उनकी तरफ रहे। ऐसे में आचार्य चाणक्य का कहना है कि दिखावा और झूठ बोलने से ज्यादा अच्छा है कि आप सच बोलकर अपने दुश्मन बना लें। इससे आपके साथ कभी भी कोई विश्वासघात नहीं करेगा।