आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार इन चार प्रवृत्ति के लोगों से कैसे डील की जाए इस पर आधारित है।
'लोभी को धन से, घमंडी को हाथ जोड़कर, मूर्ख को उसके अनुसार व्यवहार से और पंडित को सच्चाई से वश में करना चाहिए।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में चार प्रवृत्ति के लोगों से किस तरह से बात करनी चाहिए ये बताया है। आचार्य का कहना है कि हर किसी से बात करने का तरीका अलग होता है। अगर आप चाहते हैं कि सामने वाला आपकी बात समझें तो आपको सामने वाले की तरह ही उससे बात करनी होगी।
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सबसे पहले बात करते हैं लोभी की। अगर आपके सामने कोई लोभी व्यक्ति है तो आप उससे कितनी भी बात करने की अलग अलग तरह से कोशिश कर लें। वो तब तक आपकी बातों में नहीं आएगा जब तक आप उसे किसी चीज का प्रलोभन ना दें। यानी कि अगर आपको किसी लोभी व्यक्ति का दिल जीतना है तो उसे धन से संबंधित बात करके ही आप उसका दिल जीत सकते हैं।
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अब बात करते हैं घमंडी की। आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर आपके सामने कोई घमंडी व्यक्ति है तो आप उसका दिल हाथ जोड़कर ही जीत सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि घमंडी व्यक्ति हमेशा अपने अहंकार में चूर रहता है। अगर उसके सामने आपने घमंड में चूर होकर बात की तो वो आपसे उससे ज्यादा घमंड में चूर होकर बात करेगा। ऐसे में इस इंसान से अपनी बात मनवाने का एक तरीका है कि आप उसके सामने हल्का सा झुके ताकि आप उसके सामने अपनी बात रख सकें।
तीसरा है मू्र्ख। मूर्ख व्यक्ति के सामने आप कितनी भी समझदारी की बात क्यों ना करें। वो उसे बिल्कुल भी समझेगा नहीं। वो आपकी बात तभी समझेगा जब आप उससे उसी तरह मूर्खतापूर्ण बात करें। आखिर में बात करते हैं पंडित की। अगर आपके सामने कोई पंडित है तो उसका दिल जीतने का सिर्फ एक ही तरीका है वो सच्चाई। सच बोलकर आप उसका दिल आसानी से जीत सकते हैं। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि लोभी को धन से, घमंडी को हाथ जोड़कर, मूर्ख को उसके अनुसार व्यवहार से और पंडित को सच्चाई से वश में करना चाहिए।