Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. अपनी बुराई सुनकर ना हों उत्तेजित, पड़ जाएगा आप पर ही उल्टा

अपनी बुराई सुनकर ना हों उत्तेजित, पड़ जाएगा आप पर ही उल्टा

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : June 27, 2021 6:09 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये आलोचना पर आधारित है। 

'जब आप अपनी आलोचना सुनकर उत्तेजित हो जाते हैं तो आप आलोचना करने वाली कठपुतली मात्र बनकर रह जाते हैं।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को कभी भी अपनी आलोचना सुनकर उत्तेजित नहीं होना चाहिए। ऐसा करके आप दूसरों को मौका देते हैं कि वो आपका फायदा उठा सकें। साथ ही आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपसे कोई उस वक्त किसी भी तरह का फैसला लेने को कहे तो...फैसला लेने से बचें। 

अगर किसी भी रिश्ते में आ गईं 3 चीजें तो हर रिश्ते की हार होना तय

कई बार ऐसा होता है कि लोग दूसरों को नीचा दिखाने के लिए उनकी आलोचना करने का मौका ढूंढते रहते हैं। कुछ लोग दूसरे लोगों की बातों में आ जाते हैं तो कुछ बात को सुनकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन इस बात का मनुष्य को ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी भी आलोचना सुनकर उत्तेजित ना हो। ऐसा करके आप सामने वाले को अपनी गलती पकड़ने का मौका देते हैं। 

अगर कोई आप पर करता है आंख बंद करके भरोसा, तो जान से भी ज्यादा करें उसकी हिफाजत

जो आपके बारे में सही में अच्छा सोचते हैं अगर वो आलोचना करें तो उनका मकसद आपको तकलीफ देना नहीं होता। उनका मकसद आपकी कमी को दूर करना होता है। ये बात भी साफ है कि आपके सामने दोनों का बात रखने का तरीका अलग जरूर हो सकता है। अगर किसी का मकसद आपकी आलोचना करके आपको नीचे गिराने का है तो उसके कहने ढंग ठीक नहीं होगा। वहीं अगर कोई आपका हितैशी है तो उसके कहने का ढंग अच्छा होगा। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जब आप अपनी आलोचना सुनकर उत्तेजित हो जाते हैं तो आप आलोचना करने वाली कठपुतली मात्र बनकर रह जाते हैं।

 

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement