आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार विश्वास पर आधारित है।
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'दूसरों के द्वारा आप पर किए गए विश्वास की रक्षा प्राण से भी अधिक करनी चाहिए।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि अगर आप पर कोई विश्वास करें तो उसकी रक्षा अपने प्राण को दांव पर लगाकर करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल के जमाने में दूसरों पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है। ऐसे में अगर आप पर कोई विश्वास करता है तो उसके साथ विश्वास घात ना करें।
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असल जिंदगी में ये तो आप जानते होंगे कि आंख बंद करके किसी पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है। ऐसे में अगर आप के प्रति कोई थोड़ा भी विश्वास जाहिर करता है तो आपको उसकी रक्षा अपनी जान से भी ज्यादा करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी पर भी भरोसा करना आजकल के वक्त में सबसे मुश्किल चीज है। बावजूद इसके अगर कोई विश्वास करता है और आप उसे तोड़ देते हैं तो ये बहुत ज्यादा कष्टकारी होता है।
ऐसा करके ना केवल आप उस व्यक्ति के साथ धोखा करेंगे बल्कि आपके मान सम्मान में भी कमी आएगी। यहां तक कि फिर आप पर कोई भी विश्वास करने से पहले सौ बार सोचेगा। हो सकता है कि दोबारा आप पर कोई विश्वास भी ना करें। ऐसा होने पर आप अपना वो दोस्त भी खो देंगे जो आपसे जुड़ा हुआ है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि दूसरों के द्वारा आप पर किए गए विश्वास की रक्षा प्राण से भी अधिक करनी चाहिए।