आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार आत्म सम्मान किसी भी व्यक्ति के लिए कितना जरूरी है इस बारे में बताया गया है।
'जहां आत्म सम्मान की बात आए तो वहां व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में झुकना नहीं चाहिए।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को हमेशा अपने आत्म सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। ये एक ऐसी चीज है जिसके बल पर आप ना केवल दूसरों की बल्कि खुद की नजरों में हमेशा ऊंचा महसूस करेंगे। अगर कोई भी आपके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करें तो उसे बिल्कुल भी हल्के में ना लें। अगर आपने एक बार भी आत्म सम्मान को चोटिल होने दिया तो कोई भी आपके आत्म सम्मान पर कभी भी ठेस पहुंचा सकता है। यहां तक कि लोग आपको नीचा दिखाने की दोबारा कोशिश भी कर सकते हैं।
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दरअसल, आत्म सम्मान एक ऐसी चीज है जिसकी रक्षा करना सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के हाथ में है। आत्म सम्मान हर मनुष्य के जीवन में एक बड़ी भूमिका निभाता है। ये ना केवल आपको आंतरिक शक्ति देता है बल्कि लोगों की नजरों में आपके प्रति सम्मान की भावना भी जगाता है। असल जिंदगी में आपकी मुलाकात ऐसे कई लोगों से होती होगी जो आपके आत्म सम्मान को कभी अनजाने में तो कभी जान बूझकर चोट पहुंचाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में आपका तुरंत रिएक्ट करना ही सही है।
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कई बार लोग आपकी चुप्पी को आपकी कमजोरी समझ लेते हैं और आप जाने अनजाने हंसी का पात्र बन जाते हैं। ये एक ऐसी चीज है जिसके बिना मनुष्य का जीवन व्यर्थ है। इसीलिए जब भी आपके आत्म सम्मान को कोई भी चोट पहुंचाने की कोशिश करें तो उसका मुहंतोड़ जवाब दें। कभी भी ना झुकें। ऐसा करने वाला मनुष्य ही खुद से खुद की नजरें मिला सकता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने भी कहा है जहां आत्म सम्मान की बात आए तो वहां व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में झुकना नहीं चाहिए।