आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार किन लोगों से मित्रता नहीं करनी चाहिए इस पर आधारित है।
'बुरे चरित्र वाले, अकारण दूसरे को हानि पहुंचाने वाले और गंदे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति के साथ जो पुरुष मित्रता करता है वो जल्दी नष्ट हो जाता है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि तीन तरह के लोगों से किसी भी पुरुष को मित्रता नहीं करनी चाहिए। ये तीन लोग बुरे चरित्र वाले, अकारण दूसरे को नुकसान पहुंचाने वाले और गंदे स्थान पर रहने वाले हैं। अगर किसी भी पुरुष ने इन तीन चीजों से परिपूर्ण हैं तो उससे गलती से भी दोस्ती ना करें। ऐसा करने वाला व्यक्ति जल्दी नष्ट हो जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि बुरे चरित्र वाले व्यक्ति की जिससे भी मित्रता होगी तो वो उसे अपनी तरह बनाने की कोशिश करेगा। ऐसे में आप भले ही कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें उस व्यक्ति के प्रभाव से खुद को बचा नहीं पाएंगे। अगर एक बार भी आप ऐसे चरित्र वाले व्यक्ति से प्रभावित हो गए तो वो आपको भी अपनी तरह बना पाएंगे।
दूसरी तरफ अगर आप किसी भी व्यक्ति को बिना किसी वजह के हानि पहुंचाने की सोच रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि बिना किसी वजह के दूसरे को कष्ट देना अच्छी बात नहीं है। ऐसा करके आप खुद को पाप का भोगी बना रहे हैं। इसलिए अगर आपका कोई भी दोस्त इस तरह की प्रवृत्ति वाला है तो उससे कोसों दूर रहें।
इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति गंदे स्थान पर रहता हो तो उससे भी बिल्कुल दोस्ती ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति जिस स्थान पर रहता है उसकी सोच भी उसी तरह की हो जाती है। यानि कि व्यक्ति की सोच पर उसके आसपास के माहौल का बहुत प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि बुरे चरित्र वाले, अकारण दूसरे को हानि पहुंचाने वाले और गंदे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति के साथ जो पुरुष मित्रता करता है वो जल्दी नष्ट हो जाता है। इसलिए जिंदगी में कभी ऐसे लोगों को अपना दोस्त ना बनाएं, अगर कोई दोस्त है भी तो उससे दूरी बना लें।