Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. इन तीन परिस्थितियों में मनुष्य कभी ना ले फैसला, वरना सब कुछ हो सकता है तबाह

इन तीन परिस्थितियों में मनुष्य कभी ना ले फैसला, वरना सब कुछ हो सकता है तबाह

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 31, 2020 6:38 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार कभी भी इन परिस्थितियों में बात को कहने से पहले सौ बार सोचें।

'जीवन में तीन मंत्र..आनंद में वचन, क्रोध में उत्तर और दुख में निर्णय मत लीजिए।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को कभी भी इन परिस्थितियों में बोलने से पहले सौ बार सोच लेना चाहिए। इन तीन परिस्थितियों में पहली स्थिति है कि जब भी आप बहुत खुश हो तो कभी भी कोई वचन ना दें। कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य बहुत ज्यादा खुश होने पर लोगों को वचन दे देता है। ये वचन कई बार आपके गले ही हड्डी बन सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार खुश होने पर मनुष्य ऐसी बात का वचन दे देता है जिसे पूरा करना उसके बस की बात ही नहीं होती। या फिर उस वचन को पूरा करने पर उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ें। इसलिए हो सके तो कभी भी बहुत ज्यादा खुश होने पर किसी को भी कोई वचन ना दें। 

दूसरी स्थिति क्रोध की है। कभी भी मनुष्य को क्रोध में उत्तर नहीं देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि गुस्से में मनुष्य की सबसे पहले बुद्धि पर असर पड़ता है। मनुष्य की सोचने समझे की शक्ति सबसे पहले कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप उस व्यक्ति से कुछ भी पूछेंगे तो वो आपको कुछ भी कह सकता है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति गुस्से में हो तो उससे उत्तर ना मांगें।

तीसरी स्थिति निर्णय की है। जब कोई भी मनुष्य दुख में होता है तो उसे कोई भी फैसला नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में मनुष्य कोई भी फैसला ले सकता है। हो सकता है दुख में लिया गया फैसला खुद उसके या फिर उसके परिवार के लिए मुसीबत लेकर आए। इसलिए कभी भी दुख में मनुष्य को कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए। 

अन्य खबरों के लिए करें क्लिक

इन 4 करीबियों को जिंदगी में परखें जरूर, वरना हमेशा रहेंगे धोखे में

इस एक चीज को अपने पास कभी ना भटकने दे मनुष्य, वरना मरते दम तक नहीं छोड़ेगी पीछा

इस एक चीज के भरोसे मनुष्य को कभी भी नहीं जीनी चाहिए जिंदगी, वरना सातों जन्म हो जाएंगे बेकार

जन्म से ही मनुष्य के साथ जुड़ जाते हैं ये 4 चार गुण, लाख कोशिश करने के बाद भी नहीं कर सकता कोई हासिल

इस स्वभाव वाले मनुष्य का जिंदगी में होता है सबसे बुरा हाल, अपने और पराए सबसे पहले करते हैं वार

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement