आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार खुशहाल जीवन पर आधारित है।
'आपका खुश रहना ही आपके दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी सजा है।' चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य के इस कथन का मतलब है कि अगर कोई आपका दुश्मन आपको तकलीफ देता है तो आपको हमेशा खुश रहना चाहिए। ऐसा करके आप अपने दुश्मनों को ऐसी सजा देंगे जिसका इलाज उसके लिए ढूंढना नामुमकिन है। जीवन में कई लोग ऐसे होते हैं जिनसे आपकी नहीं बनती। कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि आप उनका चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते। धीरे-धीरे ये दुश्मनी इतनी गहरी हो जाती है कि आपका दुश्मन हमेशा यही सोचता है कि आप हमेशा तकलीफ में रहे।
आपको तकलीफ में देखकर ही उसे सुकून मिलता है। अगर आप अपने दुश्मन से बदला लेना चाहते हैं तो उसका सबसे अच्छा और सरल उपाय है हमेशा खुश रहना। किसी भी परिस्थिति में अगर आप अपने आपको खुश रखने की कोशिश करेंगे तो सभी तकलीफें आप हंसते हंसते झेल लेंगे। लेकिन अगर आप दुखी रहेंगे तो एक दिन एक साल की तरह बीतेगा। आपका दुश्मन हमेशा यही चाहता है कि आपके चेहरे से मुस्कान बिल्कुल गायब हो जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि आपको ऐसा देखकर ही उसके हौसले और बुलंद होते हैं।
ऐसे में अगर आप बिना कुछ गलत किए अपने दुश्मन को मुहंतोड़ जवाब देना चाहते हैं तो हमेशा खुश रहिए। खुश रहने से ही आप हर मुसीबत का आसानी से सामना कर सकते हैं। साथ ही दुश्मन के हौसले को पस्त कर सकते हैं। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि आपका खुश रहना ही आपके दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी सजा है।
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