आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार कार्य पर आधारित है।
"कल का कार्य आज ही कर लें।" आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि कल का कार्य आज ही कर लेना चाहिए। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग अपने आज का कार्य कल पर टाल देते हैं। ऐसा दो वजहों से हो सकता है। या तो वो कार्य उसी वक्त करना जरूरी नहीं होता या फिर व्यक्ति आलस के कारण ऐसा करता है। इन दोनों वजहों में से पहली वजह तो फिर भी एक बार चल जाएगी लेकिन दूसरी वजह आपके जीवन में तकलीफ का कारण बन सकती है।
रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत सारे काम ऐसे होते हैं जिन्हें उनकी अहमियत के आधार पर करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आपको कुछ जरूरी फाइल आज ही ऑफिस ले जानी हैं और आप उसे भूल गए हैं तो वो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। इस फाइल को आपको घर जाकर दोबारा लाना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस फाइल की वेल्यू आज बहुत है। वहीं दूसरी तरफ अगर आपके घर में सब्जी नहीं है लेकिन आलू प्याज रखा है तो आप सब्जी को कल पर टाल सकते हैं। क्योंकि उसके ऑप्शन आपके पास है।
यानी कि काम के आधार पर ही उसकी प्राथमिकता निर्भर होती है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो व्यक्ति प्राथमिकता के आधार पर कार्य करता है वो जीवनभर सुखी रहता है। इसीलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कल का काम आज ही कर लें तो ज्यादा अच्छा होता है। ऐसा करके आप पर भार भी नहीं पड़ेगा और आप खुशहाल जिंदगी भी जी सकते हैं।
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