आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के जमाने में भी प्रासांगिक बनी हुई हैं। ये नीतियां और विचार लोग जानते तो हैं लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनाने से कतराते जरूर हैं। यकीन मानिए अगर आपने आचार्य चाणक्य की इन नीतियों और विचारों को गंभीरता पूर्वक जीवन में उतार लिया तो आपका जीवन सफल है। आचार्य चाणक्य के विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार वर्तमान में जीने पर आधारित है।
मनुष्य की वाणी में छिपी हैं ये दो चीजें, कंट्रोल न किया तो सब कुछ कर देगी तबाह
"जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए। समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।" आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में इस बात का जिक्र किया है कि मनुष्य को हमेशा वर्तमान में ही जीना चाहिए। आचार्य चाणक्य की ये लाइन आज के जमाने में अपनाना बहुत ज्यादा लाभकारी है। अपनी इन लाइनों में आचार्य ने कहा है कि जो भी जीवन में बीत चुका है उसे लेकर चिंतिंत नहीं होना चाहिए। साथ ही भविष्य में क्या होगा इसे लेकर भी चिंता में घुलना नहीं चाहिए। एक समझदार व्यक्ति वही है जो वर्तमान में ही जीता है।
स्वभाव के विपरीत काम करने पर मनुष्य को भुगतना पड़ता है ये अंजाम, कई बार कोशिश करने पर भी होता है यही हश्र
इस कथन में आचार्य चाणक्य ने मनुष्य की प्रवृत्ति का जिक्र किया है। दरअसल, मनुष्य की प्रवृत्ति हर चीज को लेकर चिंता करने की होती है। कई बार ऐसा होता है कि गुजरे वक्त में मनुष्य के साथ ऐसी चीजें हो जाती हैं जिसे लेकर वो आज के समय में भी चिंतिंत रहता है। यहां तक कई बार भविष्य में क्या होगा और कैसे जीवन व्यतीत होगा, इसे लेकर भी परेशान रहता है। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं तो बिल्कुल न करें। आचार्य चाणक्य का कहना है कि समझदार व्यक्ति वही है जो अपने वर्तमान को अच्छे से जीता है।
कई बार हम लोग बीते वक्त और भविष्य की चिंताओं से इतने घिर जाते हैं कि वर्तमान को जीना ही भूल जाते हैं। यहां तक कि वर्तमान की खुशियों को भी नजरअंदाज कर देते हैं। बीता वक्त कभी वापस नहीं आता और भविष्य किसी ने देखा नहीं है। इसलिए सिर्फ और सिर्फ वर्तमान में जिएं। ऐसा करने से आप तनाव मुक्त रहेंगे और आज को और भी अच्छा बना पाएंगे।