Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. ना हो जरूरत से ज्यादा सहनशील लोग कहने लगते हैं कायर

ना हो जरूरत से ज्यादा सहनशील लोग कहने लगते हैं कायर

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : June 28, 2021 6:07 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये धैर्य पर आधारित है। 

'धैर्य की अपनी सीमाएं हैं अगर ज्यादा हो जाए तो कायरता कहलाती है।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि हर एक चीज की सीमा होती है। फिर चाहे वो धैर्य ही क्यों ना हो। अगर आप जरूरत से ज्यादा किसी चीज में धैर्य दिखाएंगे तो वो कायरता कहलाती है। कई लोग सोचते हैं कि अगर वो हर चीज में पेशेंस दिखाएंगे तो चीजें पहले से बेहतर हो जाएंगी, लेकिन हर बार ऐसा हो ये मुनासिब नहीं है।

अपनी बुराई सुनकर ना हों उत्तेजित, पड़ जाएगा आप पर ही उल्टा

असल जिंदगी में आपका सामना कई तरह के लोगों से होता है। बहुत सारे लोग आपसे अच्छे से बात करेंगे और बहुत से नहीं। ऐसे में आपको ये देखना होगा कि कोई आपसे ऐसी बात ना कह दे जो आपके आत्म सम्मान को चोट पहुंचा दे। अगर आपके आत्म सम्मान पर चोट पहुंचाने वाली कोई बात करे तो उस वक्त तुरंत रिएक्ट करें। उस वक्त अगर आप रिएक्ट नहीं करेंगे तो उसका मैसेज गलत शो होगा। हो सकता है कि सामने वाला इंसान आपको कायर भी समझे। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार मनुष्य का धैर्य उसकी कायरता की निशानी कहलाता है। हमेशा इस बात का मनुष्य को ध्यान रखना चाहिए कि जब बात अपने स्वाभिमान पर आए तो बिल्कुल भी धैर्य ना दिखाए।

अगर किसी भी रिश्ते में आ गईं 3 चीजें तो हर रिश्ते की हार होना तय

इसके अलावा जब बात आपके प्रियजन की हो तो भी कई बार आपका धैर्य दिखाना आपको गलत ही साबित करेगा। कई बार ऐसा होता है कि जब आपके अपनों को आपकी जरूरत होती है। उस समय आपका बोलना जरूरी होता है लेकिन उस वक्त आप सिर्फ इस वजह से चुप रह जाते हैं क्योंकि वो आपको बहुत ज्यादा नहीं लगता। या फिर आपकी सहनशीलता इतनी ज्यादा होती है कि आप उसे आसानी से बर्दाश्त कर जाते हैं। अगर आप परिस्थिति के अनुसार रिएक्ट नहीं कर रहे तो आपके धैर्य को लोग गलत समझकर उसे कायरता का नाम दे देते हैं। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि धैर्य की अपनी सीमाए हैं अगर ज्यादा हो जाए तो कायरता कहलाती है। 

 

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement