आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने शिक्षा के बारे में बताया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा को कोई भी किसी से चुरा नहीं सकता।
Chanakya Niti: किसी भी रिश्ते को दीमक की तरह अंदर से खोखला कर सकती है ये एक चीज
'शिक्षा एक ऐसी संपत्ति है जिसे कोई ना छीन सकता है और ना ही चुरा सकता है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में शिक्षा का जिक्र किया है। आचार्य का कहना है कि शिक्षा एक ऐसी चीज है जिसे आप ना तो किसी से छीन सकते हैं और ना ही आपसे कोई चुरा सकता है। यानी कि ये एक ऐसा धन है जिसके होने से आप अमीर हैं और इसे कोई किसी भी तरह से आपसे अलग नहीं कर सकता है।
मनुष्य जीवन यापन करने के लिए शिक्षित होता है। वो ना केवल अपने पैरों पर खड़ा होता है बल्कि शिक्षा के माध्यम से वो अपने लिए सारी सुख सुविधाएं भी इकट्ठा कर सकता है। कई लोगों को आपके ज्ञान को देखकर आपसे जलन भी हो सकती है। लेकिन वो इस बात को भूल जाते हैं कि उनकी जलन भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। यहां तक कि अगर वो आपसे इसे चुराना भी चाहे तो लाख कोशिशों के बाद भी उनके हाथ खाली ही रह जाएंगे।
Chanakya Nit: मनुष्य इस एक चीज का डटकर करे सामना तभी होगा जीवन में सफल
शिक्षित व्यक्ति ना केवल अपनी मेहनत और ज्ञान से अपना जीवन बेहतरीन बिता सकता है बल्कि उसे इस बात का भी डर नहीं रहेगा कि वो कभी कंगाल हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई व्यक्ति आपसे आपकी धन दौलत को चुरा सकता है लेकिन शिक्षा या फिर ज्ञान को चुरा पाना असंभव है।