आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार विश्वास पर आधारित है।
'दुनिया में सबसे आसान काम है विश्वास खोना, कठिन काम है विश्वास पाना और उससे भी कठिन है विश्वास को बनाए रखना।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जीवन में तीन काम सबसे ज्यादा कठिन होते हैं। ये चीजें ऐसी हैं जो विश्वास पर आधारित हैं। लेकिन इन तीज चीजों में सबसे आसान काम है विश्वास खोना। ये एक ऐसी चीज है जो मनुष्य पल भर में खो सकता है। वहीं सबसे कठिन काम है विश्वास पाना और उससे ज्यादा मुश्किल काम है उस विश्वास को बनाए रखना।
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जिंदगी में आप कई लोगों से मिलते होंगे। दुनिया में सभी रिश्ते विश्वास पर ही आधारित होते हैं। फिर चाहे घर में माता पिता का अपने बच्चों पर विश्वास हो, भाई का बहन पर, पति का पत्नी पर और पत्नी का पति पर। इन सभी रिश्तों का आधार विश्वास ही है। किसी भी रिश्ते में विश्वास पाना मुश्किल होता है। लेकिन लोग उसे अपने कर्मों और स्वभाव के आधार पर विकसित करते हैं। विश्वास एक तरह की अनकही जिम्मेदारी होती है। जो सामने वाला किसी दूसरे को कंधों पर डालता है।
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इसके दूसरे तरफ इस विश्वास को बनाए रखना उससे भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप किसी का विश्वास तो फिर भी थोड़ी मुश्किलों के बाद हासिल कर लेंगे लेकिन उस विश्वास को बनाए रखने के लिए आपको अपने आपको को जिम्मेदार बनाना होगा। ये जिम्मेदारी विश्वास को बरकरार रखने की होगी। जिस तरह से विश्वास को पाना और उसे कायम रखना सबसे ज्यादा मुश्किल काम होता है। ठीक उसके उलट विश्वास को चकनाचूर करना उतना ही आसान होता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि दुनिया में सबसे आसान काम है विश्वास खोना, कठिन काम है विश्वास पाना और उससे भी कठिन है विश्वास को बनाए रखना।