आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने किसी को भी अपनी लाइफ की तुलना किसी और से नहीं करनी चाहिए इस बारे में बताया है।
Chanakya Niti: अपने सपने को करना चाहते हैं पूरा तो कभी ना छोड़ें इस एक चीज का साथ
'आप अपनी जिंदगी की तुलना अन्य लोगों के साथ मत करो..सूर्य और चंद्रमा दोनों ही चमकते हैं लेकिन अपने अपने समय पर।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को कभी भी अपने जीवन की तुलना किसी और से नहीं करनी चाहिए। कई बार ऐसे होता है कि लोग दूसरे को देखकर अपने जीवन की तुलना उनसे करने लगते हैं। ये तुलना कई बार पैसे, मकान, करियर या फिर कपड़ों की भी हो सकती है। अगर आप भी इस तरह की तुलना करते हैं तो इस आदत को बदल लीजिए।
असल जिंदगी में आपका आमना-सामना कई तरह के लोगों से होता है। ऐसे में हो सकता है कि किसी व्यक्ति के पास कुछ हो और आपके पास कुछ और चीजें हों। यानी कि आपका लाइफस्टाइल जीने का तरीका उससे अलग जरूर हो सकता है। लेकिन दूसरों के लाइफस्टाइल से अपनी तुलना करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसा करके आपके अंदर जलन का भाव आएगा। खुद में जलन का भाव लाने से आपका खुशहाल जिंदगी व्यतीत करना मुश्किल हो सकता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर वक्त आप दूसरों को कोसने और अपने जीवन की तुलना उनसे करने में निकाल देंगे। ऐसे में आप अपने जीवन में आने वाली खुशियों को भी दांव पर लगा सकते हैं। इसलिए ऐसा बिल्कुल ना करें। जिस तरह आसमान में चंद्रमा और सूरज के चमकने का वक्त अलग-अलग होता है। ठीक उसी तरह आपको भी वो सब जीवन में मिलेगा जो आप डिजर्व करते हैं। उसके लिए बस आपको थोड़ा सब्र करना होगा।