Highlights
- सर्दियों में ज्यादा ना पिएं गुड़ की चाय।
- ठंड की मौसम में अधिक मात्रा में गुड़ की चाय का सेवन करने से बढ़ सकता है वजन।
- 2 कप से ज्यादा गुड़ की चाय पीना हो सकता है नुकसानदायक।
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने मूर्ख लोगों के बारे में बताया है।
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'मूर्खों से वाद विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते हैं।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में मूर्ख लोगों का जिक्र किया है। आचार्य का कहना है कि कभी भी आपको मूर्ख लोगों से बहस नहीं करना चाहिए। ऐसा करके आप ना केवल अपना कीमती समय बर्बाद करते हैं बल्कि वाद विवाद करके अपने शब्द भी बर्बाद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मूर्ख लोगों का किसी भी बात को समझना मुश्किल होता है। वो सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं।
असल जिंदगी में आपका आमना-सामना कई तरह के लोगों से होता है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मूर्ख होते हैं। इन लोगों को किसी भी चीज को समझाना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन लोगों का लगता है कि जो भी सुन और समझ रहे हैं वो ही ठीक है।
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आप कई बार इन लोगों को समझाने की भरपूर कोशिश करते हैं। आपको लगता है कि आपकी कोशिश सफल होगी। लेकिन ऐसा नहीं होता। मूर्ख लोगों को लगता है कि वो जो भी कह रहे हैं वो ही सही है। उन्हें अपने आगे किसी की भी बात सही नहीं लगती। आप अपना कितना भी वक्त उन्हें समझाने में क्यों ना निकाल दें। लेकिन आखिर में रिजल्ट जीरो ही आता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मूर्खों से वाद विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते हैं।