Highlights
- इन कार्यों के लिए पैसा खर्च करने में कभी ना करें कंजूसी।
- दान या असहाय की मदद में की गई कंजूसी के लिए पड़ सकता है पछताना।
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार इस बात को लेकर है कि ऐसे कौन से काम हैं जिनपर पैसा खर्च करने में आपको कंजूसी नहीं करनी चाहिए।
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गरीब बीमार लोगों की मदद
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी गरीब बीमार व्यक्ति की जितना हो सके मदद करनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कुछ बुरा होने पर मनुष्य को पछताना पड़ता है। ये एक ऐसा नेक काम है जिसे करने से ना केवल भगवान प्रसन्न होते हैं बल्कि समाज में भी आपका मान-सम्मान बढ़ता है।
बेसहारा और गरीब की मदद
व्यक्ति को गरीब और जरूरतमंदों की मदद जरूर करनी चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे लोगों की मदद करने के लिए पैसा खर्च करने से खूब पुण्य मिलता है। अगर आप आर्थिक रूप से मज़बूत हैं तो किसी गरीब बच्चे की शिक्षा पर धम खर्च कर सकते हैं, इसके लिए अपनी आय का एक हिस्सा दान कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान आप पर प्रसन्न होते हैं।
समाज सेवा
आचार्य चाणक्य की नीति के मुताबिक व्यक्ति को अपनी आय का कुछ हिस्सा सामाजिक कार्यों में जरूर लगाना चाहिए। आप चाहें तो अस्पताल और स्कूल आदि में अपनी कमाई का एक हिस्सा दना कर सकते हैं। किसी तरह का सामाजिक कार्य करने से भाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही समाज में आपका मान-सम्मा बढ़ता है और सराहना भी मिलती है।