धर्म डेस्क: कौटिल्य जिन्हें दुनिया आचार्य चाणक्य नाम से जानती है ने ऐसी काफी सारी गूढ़ बातें दुनिया को बताई हैं जिन्हें मानकर आज भी व्यक्ति खुद को सुखी और सानध्य रख सकता है। धर्मनीती और कूटनीति सिखाने वाले आचार्य ने बताया है कि कोई व्यक्ति कैसे बिना रुपए और पैसों के भी धनवान बन सकता है।
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अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता आचार्य का कहना था कि अगर कोई बुद्धिमान व्यक्ति समय के अनुकूल कुछ खास बातों को मानता है तो वह जीवन भर खुशी रहता है। तो जानिए आखिर आचार्य चाणक्य ने ऐसा क्या कह दिया जो रूपए और पैसों के बगैर भी कोई कैसे धनवान बन सकता है।
चाणक्य का कहना था कि अगर कोई व्यक्ति संपत्ति रहते हुए भी उसकी वृद्धि का प्रयास करता है तो यह नीति निपुणता है। लेकिन उनके हिसाब से सबसे धनवान व्यक्ति वही होता है जो बहुत आराम से प्रसन्न होना जानता है, या यूं कहें कि जिसकी प्रसन्नता सबसे सस्ती होती है, वहीं धनवान है।
बेकार की आकांक्षा से रहें दूर
सुख के लिए संघर्ष करने का मतलब होता है दुख, क्योंकि दुख के बिना सुख नहीं मिलता। इसलिए बुद्धिमान व्यक्ति को सुख की व्यर्थ आकांक्षा नहीं करनी चाहिए। ऐसा व्यक्ति ही धनवान होता है।
साहस न टूटने दें
साहस करना और रखना मनुष्य के सभी गुणों में प्रमुख है क्योंकि यह हर गुण का दायित्व अपने जिम्मे ले लेता है। साहत और धीरज धर्म के दो अटूट हिस्से होते हैं।
बने मन से सुंदर
अगर आप सुंदर बनना चाहते हैं तो सुंदर विचार अपने मन में रखें, क्योंकि बिना विचार के सीखना अपना परिश्रम नष्ट करने के समान है। आप विचारशील नहीं है और शिक्षा ग्रहण करने के बारे में सोच रहे हैं, यह किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।
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