मालिक और नौकर
आचार्य चाणक्य ने बताया कि अगर कही पर मालिक और नौकर बात कर रहे हो तो उनके बीच से कभी भी नहीं निकला चाहिए। हो सकता है जब आप उनके बीच से निकल रहे हो तो मालिक अपने नौकर को कोई जरुरी बात बता रहा हो या फिर कोई जरुरी काम बता रहा हो। अगर आप इन लोगों के बीच से निकले तो उनके बीच की बातचीत भंग होगी। जिसके कारण नौकर पूरी बात समझ नही पाएग। और वह कोई काम गलत कर सकते है। इसलिए इन लोगों के बीच से कभी नहीं निकलना चाहिए।
पति-पत्नी
आचार्य के अनुसार कभी भी जगह से न निकले तो जहां पर पति और पत्नी बात कर रहे हो। हो सकता हो जब आप वहां से निकल रहे हो। हो सकता हो वह किसी गंभीर बात में चर्चा कर रहे हो। या फिर कोई निजी बातचीत कर रहे हो। आपके उनके बीच से निकलने से उनका एकांत भंग हो सकता है। साथ ही आपके निकलने से उनके निजी पलों में बाधा आ सकती है।
हल और बैल
आचार्य ने बताया कि कभी भी हल और बैल के बीच से नहीं निकलना चाहि। अगर आपने निकलने का प्रयास किया तो आपको चोट लग सकती है। हो सकता है उनके बीच से निकलना आपकी जान पर बन आए। इसलिए उनके बीच से कभी नहीं निकलना चाहिए।