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4 तरीकों से किसी भी मनुष्य की असलियत जान सकते हैं आप

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: July 14, 2021 6:05 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का विचार सामने वाले को आप किस तरह परख सकते हैं इस पर आधारित है। 

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'किसी की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह लो, किसी के गुण देखने हों तो उसके साथ भोजन करो, किसी की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो और किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्ज दो।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में मनुष्य को किन चीजों पर परखना चाहिए ये बताया है। आचार्य के मुताबिक मनुष्य को चार चीजों पर परखना चाहिए। ये चार चीजे हैं- किसी से सलाह लेना, किसी के साथ भोजन करना, सम्मान देना और किसी को कर्ज देना। 

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सबसे पहले बात करते हैं किसी की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह लो। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि किसी इंसान की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह लो। कई बार इंसान सामने वाले को वही सलाह देता है जो वो खुद आजमाता है। वहीं कई बार वो सामने वाले को ऐसी सलाह देता है जो प्रैक्टिकल तौर पर मुनासिब ना हो। 

दूसरा है किसी के गुण देखने हो तो उसके साथ भोजन करो। आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर आपको किसी के गुण देखने हो तो उसके साथ खाना खाओ। खाना खाते वक्त इंसान को कई मायनों पर जज किया जा सकता है। अगर उसने खाना खुद बनाया है तो खाना कैसा बनाया है, खाना परसने का तरीका और खाना किस तरह से खा रहा है आप सब कुछ जज कर सकते हैं। 

तीसरा है किसी की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो। आचार्य के इस कथन का अर्थ है कि अगर किसी की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो। आपको ये पता चल जाएगा कि सामने वाला उस सम्मान के लायक है कि नहीं। 

चौथा है किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्ज दो। आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर आपको किसी की नियत देखनी हो उसे सही तरीके से जानने का एक ही तरीका है और वो है उसे कर्ज देना। कई बार लोग कर्ज तो ले लेते हैं लेकिन तय समय सीमा पर नहीं देते हैं। कई बार लोग कर्ज लेकर भूल ही जाते हैं कि उन्हें किसी का पैसा वापस लौटाना है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा कि किसी की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह लो, किसी के गुण देखने हों तो उसके साथ भोजन करो, किसी की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो और किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्ज दो।

 

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