नवरात्रि के पांचवें मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप यानि मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। देवताओं के सेनापति कहे जाने वाले स्कन्द कुमार, यानि कार्तिकेय जी की माता होने के कारण ही देवी मां को स्कंदमाता कहा जाता है। इनके विग्रह में स्कन्द जी बालरूप में माता की गोद में बैठे हैं। माता का रंग पूर्णतः सफेद है और ये कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं, जिसके कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है।
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के निमित कुछ उपाय करके कैसे अपने जीवन में चल रही समस्याओं का निवारण कर सकते है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
- सबसे पहले जान लेते है- सर्व बांधा निवारण मन्त्र के बारे में, यह मन्त्र नोट कर लीजिये क्योंकि आगे जो उपाय बताने वाला हूँ उसमे इस मन्त्र का जप करना
जरूरी है|
मन्त्र प्रकार है-
सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।|
- अगर आपके परिवार में किसी सदस्य के विवाह में रुकावटें आ रही है तो उसे दूर करने के लिए आज 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें, इसमे हल्दी और चावल मिलाकर माँ दुर्गा को आहुति दें। आहुति देने के पहले लौंग और कपूर पर बाधा निवारण मन्त्र का ग्यारह माला जप करें।
- अगर आपको संतान प्राप्ति नहीं हो रही है, तो आज आप लौंग और कपूर में अनार के दाने मिला कर माँ दुर्गा को आहुति देने से संतान सुख की प्राप्ति होगी। आहुति से पहले सामग्री पर पांच माला बाधा निवारण मन्त्र जरुर पढ़ें।
- अगर आपका कारोबार ठीक से नहीं चल रहा है तो आज आप लौंग और कपूर में अमलताश के फूल मिलाये, अगर अमलताश नहीं है तो कोई भी पिला फूल मिलाये। फिर माँ दुर्गा को आहुति दें। आज ऐसा करने से आपका बिजनेस खूब फलेगा। आहुति से पहले सामग्री पर बाधा निवारण मन्त्र की एक माला जप करें।
- अगर आपके परिवार में किसी को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी हो तो 152 लौंग और 42 कपूर के टुकड़े लें इसमे नारियल की गिरी सहद और मिश्री मिला ले और इससे हवन करें। आज ऐसा करने से आपको सभी समस्याओं से निजात मिलेगा। बता दें कि आहुति से पहले सामग्री पर बाधा निवारण मन्त्र की पांच माला जप करें।
- सम्पति सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिये आज आप लौंग और कपूर में गुड और खीर मिलाकर माँ दुर्गा को आहुति दे। आज ऐसा करने से आपकी सम्पति सम्बन्धी तमाम समस्यायों से मुक्ति मिलेगी। आहुति से पहले सामग्री पर बाधा निवारण मन्त्र की दो माला जप करें।
- नवरात्र के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी लाकर अपने घर में रखें मिट्टी पर दूध, दही, घी, अक्षत, रोली चढ़ाए और उसके आगे दिया जलाएं। अगले दिन मिट्टी को वापस पीपल के पेड़ के नीचे डालें दें। ऐसा करने से किसी भी कार्य में आ रही बाधा समाप्त हो जायेगी। मिट्टी की पूजा करने से बाद बाधा निवारण मंत्र की एक माला जप करें।