Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, हर भय से मिलेगी मुक्ति

चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, हर भय से मिलेगी मुक्ति

नवरात्र का सातवां दिन है। नवरात्र के दौरान पड़ने वाली सप्तमी को महासप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा करने का विधान है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : March 31, 2020 8:38 IST
Kalratri
Kalratri

चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और मंगलवार का दिन है। सप्तमी तिथि पूरा दिन पार करके अगले दिन की भोर 3 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। उसके बाद अष्टमी तिथि लग जायेगी। नवरात्र का सातवां दिन है। नवरात्र के दौरान पड़ने वाली सप्तमी को महासप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा करने का विधान है। 

मां कालरात्रि का स्वरुप

मां कालरात्रि का वाहन गधा है और इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से ऊपर का दाहिना हाथ वरद मुद्रा में और नीचे का हाथ अभय मुद्रा में रहता है, जबकि बायीं ओर के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और निचले हाथ में खड़ग है। मां का ये स्वरूप देखने में भले ही भयानक लगता है, लेकिन ये बड़ा ही शुभ फलदायक है। इसलिए देवी मां का एक नाम शुंभकारी भी है। 

शनि संबंधी समस्या से मिलेगा निजात
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार मां कालरात्रि के स्मरण मात्र से ही भूत-पिशाच, भय और अन्य किसी भी तरह की परेशानी तुरंत दूर भाग जाती है। अगर आपको भी इस तरह की कोई परेशानी रहती है, अगर आपको किसी चीज़ का भय बना रहता है, लोग क्या सोचेंगे या भविष्य में क्या होगा, आदि चीज़ों का भय आपको बना रहता है, साथ ही अगर शत्रु आपके पीछे पड़े हुए हैं और आपके घर की सुख-शांति कहीं खो गई है, तो आज के दिन मां कालरात्रि का ध्यान करके उनके इस मंत्र का जप अवश्य ही करना चाहिए।

मंत्र है-
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणि।
जय सार्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥

वास्तु टिप्स: सोने-चांदी, तांबे या मिट्टी के पात्र में देवी-देवता को चढ़ान चाहिए प्रसाद

आज के दिन इस मंत्र का जप करने से आपको किसी भी प्रकार के भय का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही इससे आपको शत्रुओं से छुटकारा मिलेगा और आपके घर की सुख-शांति बनी रहेगी। ग्रहों में शनि ग्रह पर देवी मां का आधिपत्य बताया जाता है। लिहाजा आज मां कालरात्रि की पूजा करने से शनि संबंधी परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा।

मां कालरात्रि पूजा विधि
मां कालरात्रि की पूजा सुबह चार से 6 बजे तक करनी चाहिए। मां की पूजा के लिए लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मकर और कुंभ राशि के जातको को कालरात्रि की पूजा जरूर करनी चाहिए। परेशानी में हो तो सात या नौ नींबू की माला देवी को चढ़ाएं। सप्तमी की रात्रि तिल या सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलाएं। सिद्धकुंजिका स्तोत्र, अर्गला स्तोत्रम, काली चालीसा, काली पुराण का पाठ करना चाहिए। यथासंभव, इस रात्रि संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

मां कालरात्रि के इस मंत्र का करें जाप

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

मां कालरात्रि को भोग
सप्तमी नवरात्रि पर मां को खुश करने के लिए गुड़ या गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं। ऐसा करने दरिद्रता का नाश होता है।

मां कालरात्रि की उत्पत्ति की कथा
कहा जाता है तीनों लोकों में असुरों ने हाहाकार मचा रखा था। इससे लोग बेहद परेशान थे। जिसके लिए सभी देवतागण मां दुर्गा के पास गए। तभी भगवान शिव ने मां दुर्गा से सभी भक्तों की रक्षा करने के लिए कहा। तब मां दुर्गा ने अन्य रूप धारण कर असुर रक्तबीज का वध किया। मां दुर्गा के इसी रूप को मां कालरात्रि कहा गया।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement