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Navratri 2021: चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन होगी सिद्धिदात्री की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

माँ सिद्धिदात्री भगवान विष्णु की अर्धांगिनी है | सिद्धिदात्री, नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली । कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है |

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 21, 2021 6:20 IST
Navratri 2021: चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन होगी सिद्धिदात्री की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि औ- India TV Hindi
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चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और दिन बुधवार है। नवमी तिथि रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। इसके साथ ही चैत्र नवरात्र का नौवां दिन है और नवरात्रि के नौवें दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कमल पर विराजमान होने के कारण इन्हें मां कमला भी कहा जाता है। मां सिद्धिदात्री भगवान विष्णु की अर्धांगिनी है | सिद्धिदात्री, नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली । कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है। 

मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व, कुल आठ सिद्धियां हैं, जो कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं | देवी सिद्धिदात्री सुख समृद्धि और धन की प्रतीक हैं | कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री में संसार की सारी शक्तियां हैं | देवी सिद्धिदात्री ने मधु और कैटभ नाम के राक्षसों का वध करके दुनिया का कल्याण किया।

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मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं।

देव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही सिद्धियों को प्राप्त किया था और इन्हीं की कृपा से भगवान शिव अर्द्धनारीश्वर कहलाये | लिहाजा विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिये आज सिद्धिदात्री की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए | साथ ही इस अति विशिष्ट मंत्र का 21 बार जप भी करना चाहिए | 

मंत्र है-

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे | ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा | 

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सिद्धिदात्री पूजा विधि

नवमी के दिन इन्हीं की पूजा करना चाहिए। इस दिन कमल में बैठी देवी का ध्यान करना चाहिए। सुंगधित फूल अर्पित करें। आज मां को शहद अर्पित करें इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें- ऊं सिद्धिरात्री देव्यै नम:

इस मंत्र से करें देवी का पूजन

सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

नवरात्रि की नवमी के दिन ऐसे करें हवन

इस दिन हवन जरूर करें। जिससे कि हर देवी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। इस दिन जो आप हवन करें। उस सामग्री में जौ और तिल अवश्य मिलाएं। इसके बाद कन्या पूजन भी करें। नवरात्र के आखिरी या फिर नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए नवान्न (नौ प्रकार के अन्न) का प्रसाद, नवरस युक्त भोजन तथा नौ प्रकार के फल-फूल आदि का अर्पण करना चाहिए। इस प्रकार नवरात्र का समापन करने से इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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