नवरात्रि का आरंभ 6 अप्रैल से हो गया है। नवरात्रि में देवी मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है। मां के इन 9 रूपों को 'नवदुर्गा' के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि में मां के 9 रुपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिरात्रि की पूजा की जाती है।
जानतें हैं मां के 9 रुपों के बारे में...
1. शैलपुत्री- नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप माता शैलपुत्री की उपासना की जाती है। मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। साथ ही माता का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। आपको बता दें कि मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। कहा जाता है कि माता शैलपुत्री की पूजा करने और उनके मंत्र का जप करने से व्यक्ति का मूलाधार चक्र जाग्रत होता है।
2. ब्रह्मचारिणी- नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की अराधना की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। इस तरह ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। मां का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय है।
3. चंद्रघंटा- मां के तीसरे रूप का नाम चंद्रघंटा है। इनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है।
4. कूष्मांडा- माता के चौथे रूप का नाम कूष्मांडा है। कहा जाता है कि इनकी मंद हंसी से ब्रह्मांड की सृष्टि हुई थी। मां के इस रूप की अराधना से आयु, यश की वृद्धि होती है।
5. स्कंदमाता- मां के पांचवे रूप का नाम स्कंदमाता है। इन्हें मोक्ष का द्वार खोलने वाली माता कहा जाता है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है।
6. कात्यायनी- माता के छठें रूप को कात्यायनी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से रोग, भय खत्म होते हैं, साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
7. कालरात्रि- माता के सातवें रूप का नाम कालरात्रि है। यह हमेशा शुभ फल देती हैं। इन्हें शुभकारी के नाम से भी जाना जाता है।
8. महागौरी- माता की आठंवे रूप का नाम महागौरी है। कहा जाता है कि कठोर तपस्या के कारण इनका रंग काला पड़ गया था। इनकी पूजा करने से पाप मिट जाते हैं।
9. सिद्धदात्री- माता के अंतिम रूप का नाम सिद्धदात्री है। इनकी अराधना से धन प्राप्ति होती है।
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