Chaitra Navratri 2019: मां दुर्गा के नौ रुपों की उपासना करने का दिन आने वाला है। इस साल चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से शुरु हो रहे है। जिसके साथ ही नवमी तिथि 13 अप्रैल को होगी। हर साल 2 नवरात्र पड़ती है। जिसका अपना-अपना महत्व होता है।
इस बार 6 अप्रैल को वैधृति योग है लेकिन प्रतिपदा के कारण अभिजीत मुहुर्त में कलश स्थापना कर लेना उचित है। इस दिन रेवती नक्षत्र है। नवरात्र पूजन का आरंभ मिथुन, न्या, धनु तथा मीन लग्न में ही प्रारम्भ करना उचित है क्योंकि ये द्विस्वभाव राशियां हैं। ध्यान रहे कि नवमी तिथि का हवन अगले दिन 14 तारीख को किया जायेगा और उसके साथ ही नवरात्र भी पूर्ण हो जायेगी।
जानें किस दिन होगी किस देवी की पूजा
पहला नवरात्र 6 अप्रैल शनिवार: घट स्थापना व मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा नवरात्र 7 अप्रैल रविवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा नवरात्र 8 अप्रैल सोमवार: मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा नवरात्र 9 अप्रैल मंगलवार: मां कुष्मांडा पूजा
पांचवां नवरात्र 10 अप्रैल बुधवार: मां स्कंदमाता पूजा
छष्ठ नवरात्र 11 अप्रैल गुरुवार: पंचमी तिथि सरस्वती आह्वाहन ,मां कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्र 12 अप्रैल शुक्रवार: मां कालरात्रि पूजा
नवमी 13 अप्रैल शनिवार: मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महानवमी
दशमी 14 अप्रैल रविवार: विसर्जन
कलश स्थापाना का शुभ मुहूर्त
6 अप्रलै के दिन में 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त है। एक बात यह है कि इस समय कर्क लग्न है। यह चर राशि है। अतः कलश स्थापना का बहुत शुभ मुहूर्त नहीं माना जा सकता है। अतः प्रातः 06 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 21 मिनट तक कलश स्थापना का सबसे श्रेष्ठ मुहुर्त है। इसके पीछे कारण यह है कि इस समय द्विस्वभाव मीन लग्न रहेगा।
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