आज पौष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और बुधवार का दिन है | प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है | आपको पता ही होगा कि वार के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम कारण होता है | जैसे- अगर सोमवार को प्रदोष व्रत पड़े तो उसे सोम प्रदोष कहते है और आज बुधवार है इसलिए आज बुध प्रदोष व्रत किया जायेगा |
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है | त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं | शिव भक्तों में इस व्रत का काफी महत्व है | क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है | ऐसा कहा गया है कि इस व्रत को करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होने के साथ ही कर्ज और दरिद्रता से भी मुक्ति मिलती है |
बुध प्रदोष व्रत का मुहूर्त
पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज पूरा दिन पार करके 9 जनवरी की भोर 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगी।
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प्रदोष व्रत की पूजा विधि
इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद शिव जी की उपासना करनी चाहिए | आज के दिन भगवान शिव को बेल पत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग आदि चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जाप करना चाहिए | ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति के साथ ही कर्ज की मुक्ति से जुड़े प्रयास सफल रहते हैं | सुबह पूजा आदि के बाद संध्या में, यानी प्रदोष काल के समय भी पुनः इसी प्रकार से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए | इस प्रकार जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा आदि करता है और प्रदोष का व्रत करता है, वह सभी पापकर्मों से मुक्त होकर पुण्य को प्राप्त करता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है |