धर्म डेस्क: वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन बुद्ध जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा 21 मई, शनिवार को है।
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पुराणों में माना जाता है कि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु का ही अवतार हा। जानिए इसका क्या है महत्व और कैसे करें पूजा।
- बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म का उत्सव होने के साथ-साथ के साथ-साथ ये भारतीय परंपरागत का पावन त्यौहार है। माना जाता है कि इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते है। क्योंकि इस त्यौहार को बहुत ही पवित्र और फलदायी माना गया है।
- इस दिन कुछ मीठा दान करने से गौदान को दान करने के बराबर फल मिलता है। इसके अलावा अगर आपसे अनजाने में कोई पाप हो गया है तो इस दिन चीनी और तिल का दान देने से इस पाप से छुटकारा मिल जाता है। जानिए इस दिन पूजा कैसे करते है।
- इस दिन पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान विष्णु के प्रतिमा के सामने घी से भरा पात्र रखें। इसके साथ ही तिल और चीनी भी रखें। फिर तिल के तेल से दीपक जलाएं और भगवान की पूजा करें।
- इस दिन बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है। उसकी शाखाओं को कलरफूल पताकाएं और हार से सजाया जाता है। साथ ही जड़ो में दूध और सुगंधित जल डाला जाता है। साथ ही दीपक जलाएं जाते है।
- इस दिन भूलकर भी नॉनवेज का सेवन न करें, क्योंकि बुद्ध पशु हिंसा के विरोधी थे।
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