वैशाख पूर्णिमा को विशेष तौर पर बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है । बौद्ध धर्म में इस दिन का बहुत महत्व है । हिंदू धर्म का भी मानना है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। यही कारण है कि हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा को प्रकाश उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन अन्न दान का विशेष महत्व है।
वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई। भगवान बुद्ध ने अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया और उन्होंने पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में कई उपदेश दिए और इन्हीं उपदेशों को बौद्ध धर्मा के अनुयायी आदर्श वाक्य मानकर उन पर अमल करते हैं। आप भी जानिए भगवान बुद्ध के कुछ विचारों के बारे में। जिन्हें अपने जीवन में धारण करके हर कष्ट से छुटकारा पा सकते हैं।
- आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये. जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.
- चाहे आप जितने ही पवित्र शब्द पढ़ लें या बोल लें, ये शब्द आपका भला तब तक नहीं करेंगे जब तक आप इनको उपयोग में नहीं लाते हैं।
- मैं कभी नहीं देखता हूं कि क्या किया जा चुका है। मैं हमेशा देखता हूं कि क्या किया जाना बाकी है।
- सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई दो गलतियां कर सकता है, एक पूरा रास्ता न तय कर पाना और दूसरी - उसकी शुरुआत ही नहीं करना।
- अपनी मुक्ति के लिए काम करो। दूसरों पर निर्भर मत रहो।
- क्रोध को पाले रखना, गर्म कोयला को किसी और पर फेंकने के लिए पकड़े रहने के समाना है, इसमें हमारा हाथ भी जलता है।
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- बीते समय को याद नहीं रखना चाहिए। भविष्य के लिए सपने देखना चाहिए, बल्कि अपने दिमाग में वर्तमान में केंद्रित रखना चाहिए।
- अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं करना चाहिए। अज्ञानी व्यक्ति बैल के समान होता है। वह ज्ञान में नहीं, सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है।
- न ही सुख स्थायी और न ही दुख। बुरा समय आने पर उसका डटकर सामना करना चाहिए और हमेशा रोशनी की तलाश करनी चाहिए।