धर्म डेस्क: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज के रुप में मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाकर लंबी उम्र की कामना करती है। इसके साथ ही माना जाता है कि इस दिन अगर भाई-बहन यमुना नदीं में एक साथ स्नान करते है, तो दोनों के घर खुशियां आती है। इसके साथ ही उम्र लंबी होती है।
हम हर साल ये त्योहार मनाते तो है, लेकिन क्या आप इसके पीछे मनाने के कारण को जानते है। नहीं जानते है, तो इस खबर में जानिए कि आखिर क्यों मनाया जाता है भाई दूज।
भाईदूज के बारें में दो कथाएं प्रचलित है। इसके अनुसार एक यमुना और यमराज की है और दूसरी किदवंती की है। शास्त्रों के अनुसार यम देवता ने अपनी बहन को इसी दिन दर्शन दिये थे। यम की बहन यमुना अपनी बहन से मिलने के लिये अत्यधिक व्याकुल थी। अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई। यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन अगर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगें, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी।
इसी कारण से इस इन यमुना नदी में भाई-बहन के साथ स्नान करने का बडा महत्व है। इसके अलावा यम ने यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिन भाईयों की बहनें दूर होती है। वह भाई अपनी बहनों से मिलने भाई दूज पर अवश्य जाते है। और उनसे टीका कराकर उपहार आदि देते है।
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