धर्म डेस्क: भाई दूज का त्योहार हर भाई बहन के लिए बहुत ही खास होता है। जो कि दीवाली के 1 दिन बाद मनाया जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज होती है। इस दिन बहने अपने भाई को अपने घर बुलाकर या उनके घर जाकर उन्हें तिलक करके खाना खिलाती हैं। इस बार यह त्योहार 21 अक्टूबर, शनिवार को है।
भाई-बहन के त्योहार के रुप में हर साल दो दिन मानें जाते है। एक भाई दूज और दूसरा रक्षाबंधन। जिसका अपना-अपना महत्व होता है। जो कि बहुत ही खास होता है। भाई दूज के दिन यम दोवता की भी पूजा की जाती है। एक मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देव की उपासना करता है, उसे असमय मृ्त्यु का भय नहीं रहता है।
शुभ मुहूर्त
टीका मुहूर्त: 13 बजकर 19 मिनट से 15 बजकर 36 मिनट तक
द्वितीय तिथि: 1 बजकर 37 मिनट से 22 अक्टूबर को 3 बजे तक।
ये है मान्यता
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में अगर भाई और बहन साथ में यमुना नही में स्नान करें तो भाई और वहन का हमेशा रिश्ता बना रहता है और भाई की उम्र बढती है। यमुना तट पर भाई-बहन का समवेत भोजन कल्याणकारी माना जाता है। भाई दूज पर बहने अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके लम्बे और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार प्रदान करते हैं। भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
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