ऐसे करें भाई दूज में पूजा
भाई दूज पर्व पर बहनें प्रात: स्नान कर, अपने इष्ट देव का पूजन करती है और भाई के आने पर उसे उपयुक्त स्थान देते हुए। चावल के आटे से चौक तैयार करें। इस चौक पर भाई को बैठाए फिर उनके हाथों की पूजा करें। इसके लिए भाई की हथेली पर आप चावल का घोल लगाएं। इसके बाद इसमें सिन्दूर लगाकर कद्दु के फूल, पान, सुपारी, मुद्रा आदि हाथों पर रख कर धीरे धीरे हाथों पर पानी छोडते हुए मंत्र बोलें।
किसी-किसी जगह पर इस दिन बहनें अपने भईयों की आरती भी उतारती है और फिर हथेली में कलावा बांधती है। भाई का मुंह मीठा करने के लिए भाईयों को माखन - मिश्री खिलाना चाहिए। शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर दीये का मुख दक्षिण दिशा की ओर करके रखना चाहिए।
भाईदूज का महत्व
भाई दूज त्योहार जिसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय परम्परा के अनुसार विवाह के बाद कन्या का अपने घर, मायके में कभी- कभार ही आना होता है। मायके की ओर से भी परिवार के सदस्य कभी- कभार ही उससे मिलने जा पाते है। ऐसे में भाई अपनी बहन एक प्रति उदासीन न हों, उससे सदा स्नेह बना रहें, बहन के सुख:दुख का पता चलता रहें। भाई अपनी बहनों की उपेक्षा न करें, और दोनों के सम्बन्ध मधुर बने रहें। इन्ही भावनाओं के साथ भाई दूज जैसे त्योहार मनाया जाता है।
अगली स्लाइड में पढ़े भाई दूज की पौराणिक कथा के बारें में