नई दिल्ली: उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 15 मई को खुलेंगे। इसके लिए पूरी तैयार हो गई है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारियों ने कहा कि कपाट संभवत: शुक्रवार तड़के 4.30 बजे खोले जाएंगे। पहले दिन मंदिर में दर्शन-पूजन करने वाली प्रमुख हस्तियों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य शामिल होंगे।
पिछले साल कपाट खुलने के बाद पहले दिल लगभग 10,000 श्रद्धालुओं ने मंदिर के दर्शन किए थे। गुरुवार को मंदिर और आसपास के इलाके को कई कुंटल फूलों से सजाया गया।
उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने देहरादून में बताया कि टिहरी के महाराजा ने देश के मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोनों ही तीर्थ स्थानों को खोले जाने के निर्णय की सूचना उनको दी है।
केदारनाथ मंदिर के खुल चुके हैं कपाट
इससे पहले केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जा चुके हैं। केदारनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहला मौका है जब मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर परिसर पूरी तरह खाली रहा। कोरोना से बचाव के मद्देनजर यात्राओं की अनुमति नहीं है। अभी केवल कपाट खोले जा रहे हैं ताकि धामों में पूजा अर्चना शुरू सके।
वेदपाठी गणों की मौजूदगी में कपाट खोलने की परंपरा
गौरतलब है कि केदारनाथ जी के गद्दी स्थल ओम्कारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में केदारनाथ के रावल भीमाशंकर शिवलिंग, स्थानीय दस्तूरदार और वेदपाठी गणों की मौजूदगी में पंचांग गणना के अनुसार मंदिर के कपाट खोले जाने की परंपरा रही है।
आस्था का प्रमुख केंद्र है बद्रीनाथ और केदारनाथ
देवभूमि उत्तराखंड में स्थित केदानाथ और बद्रीनाथ धाम लोगों की प्रमुख आस्था का केंद्र है। वहीं हिमालय पर्वत की गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिगों में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। वही अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वतों के बीच स्थित बद्रीनाथ धाम भी अपनी अनोखी छटा के लिए काफी प्रसिद्ध है।