कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन कर दिया गया है। इसके साथ ही धार्मिक स्थानों को भी बंद कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने और पूजा अर्चना कैसे संपन्न कराई जाए। आपको बता दें कि चार धाम के द्वार अब अप्रैल में ही खुलेंगे लेकिन भक्तगण दर्शन नहीं कर पाएंगे।
एएनआई एजेंसी ने ट्वीट करके बताया कि केदारनाथ धाम के द्वार 14 मई को खोले जाएंगे वहीं बद्रीनाथ मंदिर के द्वारा 15 मई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट में खोले जाएंगे।
माना जा रहा है कि तिथि बढने का मुख्य कारण बदरीनाथ के रावल है। दरअसल रावल केरल में फंसे हुए है।
आपको बता दें कि पहले 11 ज्योतिर्लिंग माने जाने वाला धाम केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को मेष लघ्न में सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोले जाने वाले है। वहीं 25 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा होनी है। इसके साथ ही 26 अप्रैल को केदारनाथ की पंचमुखी डोली धाम प्रस्थान करती। जिसके बाद 27 को गौरीकुंड रात्रि विश्राम और 28 अप्रैल शाम को पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची। वहीं 29 अप्रैल को मेष लग्न में सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाते है।
गढ़वाल हिमालय के चार धाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट सर्दियों के मौसम में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड के कारण हर साल अक्टूबर—नवंबर में बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल दोबारा अप्रैल—मई में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाते हैं। उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट जहां हर साल अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खोले जाते हैं वहीं केदारनाथ तथा बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने का मुहूर्त निकाला जाता है।