कोरोना काल की वजह से सब कुछ बदल गया है। अमरनाथ की बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा खुल चुकी है। पवित्र गुफा के खुलते ही बाबा भोलेनाथ की पहली आरती की गई जिसके लाइव दर्शन लोगों को घर बैठे करने को मिले। आज सुबह साढ़े सात बजे बाबा भोलेनाथ की पवित्र गुफा के दरवाजे खुले और आरती का लाइव प्रसारण हुआ। बाबा बर्फानी के घर बैठे लाइव आरती का प्रसारण रोजाना दूरदर्शन पर सुबह-शाम होगा।
अमरनाथ यात्रा 2020: बाबा बर्फानी के पहले दर्शन, जम्मू-कश्मीर के LG ने की पूजा
पहली लाइव आरती में पुजारी के अलावा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जी सी मुर्मू मौजूद थे। इसके अलावा कुछ अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। गुरु पूर्णिमा के खास मौके पर बाबा बर्फानी की गुफा को खोला गया। कोरोना महामारी की वजह से एहतियात के तौर पर आरती में कोई भी भक्त शरीक नहीं हुआ। आम लोगों के लिए यात्रा की तारीख का एलान बाद में किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो 21 जुलाई से बाबा बर्फानी की यात्रा शुरू हो सकती है।
21 जुलाई से शुरू हो सकती है यात्रा
अमरनाथ यात्रा 21 जुलाई से शुरू हो सकती है। जानकारी के अनुसार इस बार यात्रा में 55 साल से कम उम्र के श्रद्धालुओं को ही यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। श्री अमरनाथ श्राइन की लाइव आरती के प्रसारण की वजह से दूरदर्शन की 15 सदस्यीय टीम गुफा में ही रहेगी।
एक दिन में 500 भक्त ही कर पाएंगे दर्शन
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आगामी वार्षिक अमरनाथ यात्रा को ‘सीमित तरीके’ से आयोजित करने पर जोर देते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कहा कि सड़क मार्ग से 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा जाने के लिये रोजाना सिर्फ 500 यात्रियों को अनुमति दी जाएगी। प्रशासन ने यह भी कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर भी केंद्र शासित क्षेत्र में प्रवेश के दौरान की जाने वाली जांच की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू होगी।
यात्रियों का होगा कोरोना टेस्ट
‘यात्रा 2020’ की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित की गई राज्य कार्यकारी समिति ने मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की हैं और इसके तहत जम्मू-कश्मीर आने वाले शत प्रतिशत लोगों के लिए आरटीपीसीआर जांच की जानी है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आने वाले सभी लोगों के नमूने लेकर जांच की जाएगी और जब तक उनकी रिपोर्ट में संक्रमण नहीं मिलने की पुष्टि नहीं हो जाती तब तक वे पृथक-वास में रहेंगे।”