इन मंत्रों का जाप कर पाए सुख-समृद्धि
ऊं अस्य बृहस्पति नम: (शिरसि)
ऊं अनुष्टुप छन्दसे नम: (मुखे)
ऊं सुराचार्यो देवतायै नम: (हृदि)
ऊं बृं बीजाय नम: (गुहये)
ऊं शक्तये नम: (पादयो:)
ऊं विनियोगाय नम: (सर्वांगे)
करन्यास मंत्र
ऊं ब्रां- अंगुष्ठाभ्यां नम:।
ऊं ब्रीं- तर्जनीभ्यां नम:।
ऊं ब्रूं- मध्यमाभ्यां नम:।
ऊं ब्रैं- अनामिकाभ्यां नम:।
ऊं ब्रौं- कनिष्ठिकाभ्यां नम:।
ऊं ब्र:- करतल कर पृष्ठाभ्यां नम:।
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