धर्म डेस्क: इस बार शनि देव दो दिन भक्तों के ऊपर अपनी कृपा बरसाएंगे, क्योंकि 4 जून को शनि अमावस्या है, तो वहीं 5 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। इसके साथ ही इस दिन बहुत ही अच्छा योग भी है। जिसके कारण इस दिन शनि भगवान की पूजा का फल जरुर मिलेगा। ऐसा संयोग 20 साल बाद आया है। जब दो शुभ योग एक साथ है।
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शनिश्चरी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग का संयोग बनेगा। वही दूसरी ओर शनि जयंती को रोहिणी नक्षत्र, अमावस्या और उच्च चंद्रमा का भी योग बना है। इतने विशेष योग के कारण इस दिन शनि भगवान को खुश करना बहुत ही सरल होगा।
ज्योतिषचार्य के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या 4 जून को सुबह 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी। जो कि 5 जून को सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इसके बाद शनि जंयती मनाई जाएगी। चूंकि शनि का जन्म मध्यकाल में होना माना जाता है, इसलिए इस दिन शनि जन्मोत्सव मनाना शास्त्रोक्त रहेगा।
ज्योतिषचार्य के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ करना बहुत ही शुभ होगा, क्योंकि इस दिन इतने अच्छे संयोग के कारण आपको धन-धान्य की प्राप्ति होगी।
साथ ही जिनके कुंडली में साढे सती या ढैय्या लगा है। इस दिन विधि-विधान से पूजन करने से इससे मुक्ति मिलेगी।
खरीददारी के लिए है शुभ दिन
इस दिन विशेष योग होने के कारण कोई भी चीज खरीदना शुभ होगा। ज्योतिषचार्य की बात माने तो इस दिन बन रहे योग में बाजार से आभूषण, वाहन आदि की खरीदी शुभ व स्थायित्व को प्रदान करने वाली रहेगी।