धर्म डेस्क: अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार की यह तृतीया बहुत ही खास है क्योकि इस बार सवार्थसिद्ध योग होगा। इसके साथ ही इस अबूझ मुहूर्त में विवाह होना शुरु हो जाएंगे। 11 साल में पहली बार ऐसा होगा। जब पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
वैदिक मान्यता के अनुसार इस दिन जो महिला-पुरूष विवाह बंधन में बंधते हैं, उनकी जोड़ी सदा सलामत रहती है। देवी लक्ष्मी के पूजन से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। किसी भी तरह के मांगलिक कार्य, विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, व्यापार आरंभ, मुंडन संस्कार आदि के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती।
18 अप्रैल से शुरु होने वाले विवाह के मुहूर्त जुलाई तक है। इसके अलावा सूर्य उच्च राशि मेष राशि में प्रवेश कर गया है। जिसके कारण यह और भी अधिक शुभ मुहूर्त है। अक्षय तृतीया के दिन से विवाह की शहनाई बजने लगेगी। जो कि 12 मई के सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त के साथ समाप्त होगी। इसके बाद अधिक माल लग जाएगा। जो कि 13 जून 2018 तक रहेगा।
विवाह के शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया के बाद अप्रैल-मई में 13 शुभ मुहूर्त है।
अप्रैल माह
8, 19, 20, 26, 27, 28, 29, 30 शादियों के शुभ मुहूर्त है।
मई माह
4, 8, 9, 11 व 12 शादियों के लिए अच्छी मुहूर्त तारीख हैं।
शुभ मुहूर्त
इस बार अक्षय तृतीया इस बार 18 अप्रैल को है। 11 साल बाद इस दिन 24 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है, जो 18 अप्रैल को 4 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर रात 3 बजकर 3 तक रहेगा। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहते हैं।