धर्म डेस्क: धर्म डेस्क: वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस बार 30 साल बाद अबूझ मुहूर्तों के साथ अमृतसिद्धि योग में अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। इस बार अक्षय तृतीया 29 अप्रैल, शनिवार को है।
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तृतीया की तिथि आज शाम ही है लिहाजा भगवान परशुराम की जन्म तिथि आज ही मनाई जायेगी | यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया की शाम रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जब तिथि और मास के साथ जन्म नक्षत्र भी संयुक्त हो, तो वह तिथि जयंती कहलाती है। आज दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक कृतिका नक्षत्र रहेगा। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र लग जायेगा। अस्तु इस बार भगवान परशुराम की जयंती मनाई जायेगी।
माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का दिन माना जाता है। इस दिन विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारें में।
इस विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें और मां लक्ष्मी का स्मरण करें। इसके बाद किसी चौकी अथवा कपड़े के पवित्र आसन पर माता महालक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें। श्रीमहालक्ष्मीजी की मूर्ति के पास ही एक साफ बर्तन में केसर युक्त चंदन से अष्टदल कमल बनाकर उस पर गहने या रुपए रखें व पूजा करें। सबसे पहले पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके स्वयं पर जल छिड़के तथा पूजा-सामग्री पर निम्न मंत्र पढ़कर जल छिड़कें-
ऊं अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।
उसके बाद जल-अक्षत (चावल) लेकर पूजन का संकल्प लेकर जल छोड़ दें।
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