धर्म डेस्क: आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि और गुरुवार का दिन है। हर माह में एकादशी दो बार आती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद आती है और शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद आती है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। लिहाजा आज अजा एकादशी है। ये एकादशी बड़ी ही फलदायी बतायी गई है।
एकादशी में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करने और उनकी पूजा करने का विधान है। वैसे तो कृष्ण पक्ष की एकादशी केवल उनको करनी चाहिए, जो ग्रहस्थ नहीं है, जबकि ग्रहस्थ लोगों को शुक्ल पक्ष की एकादशी करनी चाहिए। साथ ही शुक्ल पक्ष की एकादशी को वो भी कर सकते हैं, जो ग्रहस्थ नहीं है। लेकिन यहां एक पेंच है। (6 सितंबर को शनि बदलेगा अपनी चाल, इन 5 राशियों की खुलेगी किस्मत और ये लोग रहें सावधान )
निर्णयसिन्धु के पृष्ठ- 36, समय प्रकाश के पृष्ठ- 62, कालविवेक के पृष्ठ- 426, हेमाद्रि, कालखण्ड के पृष्ठ- 150, साथ ही ब्रह्मवैवर्त पुराण और पद्मपुराण में आया है कि गृहस्थ आषाढ़ शुक्ल पक्ष की शयनी और कार्तिक शुक्ल पक्ष की बोधनी एकादशी के मध्य पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी कर सकते हैं और भाद्रपद कृष्ण पक्ष की ये एकादशी आषाढ़ और कार्तिक शुक्ल पक्ष के बीच में ही पड़ती हैं। अतः आज के दिन जो ग्रहस्थ हैं और जो ग्रहस्थ नहीं हैं, दोनों को ये व्रत करना चाहिए और श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही माता लक्ष्मी की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके अलावा आज के दिन विभिन्न राशि वालों को कुछ खास उपाय भी करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन उपायों के बारें में। (इन 7 आदतों को ना अपनाएं, हो जाएंगी घन की लक्ष्मी दूर )
मेष
अगर आप अपने घर-परिवार की खुशियों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज के दिन गाय का दूध लेकर, उसमें थोड़ा-सा केसर डालकर श्री विष्णु को भोग लगाइये। आज के दिन ऐसा करने से आपके घर-परिवार की खुशियों में बढ़ोतरी जरूर होगी।
वृष राशि
अगर आप अपने करियर में डेवलेपमेंट करना चाहते हैं, तो आज के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे एक घी का दीपक जलायें। साथ ही ये सारी क्रिया करते समय भगवान विष्णु का नाम लगातार लेते रहें| आज के दिन ऐसा करने से आपके करियर में डेवलेपमेंट होगी। साथ ही आपको बता दूं आप ये उपाय आज एकादशी से शुरू करके लगातार तीन शाम को कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे रविवार को छोड़कर।
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