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Aja Ekadashi Vrat 2018: इस व्रत को करने पर राजा हरिश्चन्द्र को मिला था दोबारा राज-पाठ, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

शास्त्रों में कहा जाता है कि राजा हरिशचंद्र ने अपने राज्य को पाने के लिए इस व्रत को किया था। जिसके कारण ही उन्हें आप खोया हुआ राज्य पुन: वापस मिल गया था। जानिए अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: September 05, 2018 18:23 IST
Aja Ekadshi- India TV Hindi
Aja Ekadshi

धर्म डेस्क: आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी और गुरुवार का दिन है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। ये एकादशी बड़ी ही फलदायी बतायी गई है| जया एकादशी के दिन श्री विष्णु की पूजा करने और उनके निमित्त व्रत करने का विधान है। जया एकादशी का व्रत हर कोई कर सकता है, जो ग्रहस्थ हैं, वो भी और जो ग्रहस्थ नहीं हैं, वो भी।

शास्त्रों में कहा जाता है कि राजा हरिशचंद्र ने अपने राज्य को पाने के लिए इस व्रत को किया था। जिसके कारण ही उन्हें आप खोया हुआ राज्य पुन: वापस मिल गया था। काल निर्णय के पृष्ठ 257 के अनुसार 8 वर्ष से अधिक और 80 वर्ष से कम हर व्यक्ति को एकादशी का व्रत करना चाहिए और एकादशी पर पका हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। फल, मूल, तिल, दूध, जल, घी, पंचद्रव्य और वायु का सेवन करके यह व्रत अवश्य करना चाहिए। जानिए इस क्या उपाय करने से घर में सुख-शांति आती है। जानिए इसकी पूजा विधि और कथा के बारें में। (राशिफल 6 सितंबर: एक साथ बन रहे है 3 शुभ योग, इन राशियों की किस्मत का सितारा होगा बुलंद )

अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त

पारण का समय: 7 सितंबर को 06:06 से 08:35 बजे तक
एकादशी तिथि आरम्भ: 05 सितंबर 2018 को 15:01 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 06 सितंबर को 12:15 बजे

अजा एकादशी व्रत पूजा
एकादशी को भी पहले हाथ में जल लेकर सच्चे मन एवं भावना से संकल्प करना चाहिए तथा सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि क्रियाओं से निवृत होकर स्नान करें और भगवान विष्णू जी का धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प एवं फलों सहित पूजन करना चाहिए। (6 सितंबर को शनि बदलेगा अपनी चाल, इन 5 राशियों की खुलेगी किस्मत और ये लोग रहें सावधान )

एक समय फलाहार करना चाहिए। तुलसी का रोपण, सिंचन और पूजन करने से प्रभु अति प्रसन्न हो जाते हैं और हरिनाम संकीर्तन करने से अपार कृपा का फल मिलता है। भगवान सर्वशक्तिमान एवं सर्वव्यापक हैं तथा बिना मांगे ही अपने भक्त की सारी स्थिति को जानकर उसके सभी कष्टों और चिंताओं को मिटा देते हैं। (Aja Ekadashi Vrat 2018: अजा एकादशी के दिन राशिनुसार करें ये उपाय और करें हर मुराद पूरी )

जो भक्त केवल भगवान की भक्ति ही सच्चे भाव से करते हैं उन पर भगवान वैसे ही कृपा करते हैं जैसे अपने मित्र सुदामा पर उन्होंने बिना कुछ कहे ही सब कुछ दे डाला, इसलिए भगवान से उनकी सेवा मांगने वाले भक्त सदा सुखी एवं प्रसन्न रहते हैं।

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