पराली जलाए जाने की वजह से वायु प्रदूषण और भी बढ़ गया है। वायु प्रदूषण की वजह से कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत तो कई लोगों को एलर्जी भी होने लगी है। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप इस जहरीली हवा से खुद को कैसे बचाएं। आज हम आपको कुछ प्राकृतिक तरीके बताते हैं जिसे अपनाकर आप घर की हवा को प्यूरीफाई कर सकते हैं। जानें वो प्राकृतिक तरीके कौन-कौन से हैं...
बढा़ए वेटिंलेशन
वायु जब बहुत ज्यादा प्रदूषित हो जाती है तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है। ऐसे में अगर आप अपने और अपने परिवार के लोगों को इस खतरनाक जहरीली हवा से बचाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए घर की हवा को प्यूरीफाई करना भी बहुत जरूरी है। घर में मौजूद हवा जिस वजह से प्रभावित हो सकती है वो है आपका किचन। किचन में लगातार कुछ ना कुछ बनता रहता है। इसी वजह से आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वहां पर एक ऐसी जगह हो जहां से हवा अंदर बाहर जा सके।
मोमबत्तियां
बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि मोमबत्तियां भी प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर का काम करती हैं। यहां पर आपको इस बात का ध्यान रखना है कि बाजार में आपको कई तरह की मोमबत्तियां मिलेगी। लेकिन आप उन्हीं मोमबत्तियों का चुनाव करें जो शुद्ध हों। यानी कि जो बिना धुएं के जलें और गंध रहित हों। ऐसी मोमबत्तियां अस्थमा के रोगियों को लिए और हवा से धूल जैसी एलर्जी को दूर करने में सहायक होती हैं।
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नमक लैंप
नमक लैंप भी एयर प्यूरीफायर का काम करता है। नमक का क्रिस्टल हवा से नमी को खींचकर हवा के प्रदूषित कणों को कम करता है। गुलाबी नमक एक प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर है जो पर्यावरण से विषाक्त पदार्थों को खींचता है और उन्हें निष्क्रिय करता है।
सक्रिय लकड़ी का कोयला
सक्रिय लकड़ी का कोयला भी हवा को प्यूरीफाई करने का सबसे आसान तरीका है। इसे कार्बन भी कहा जाता है। ये गंधहीन होता है और हवा से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने का काम भी करता है। इसके अलावा बांस की लकड़ी भी बेहतरीन उपाय है।