धर्म डेस्क: वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस बार 17 साल बाद अबूझ मुहूर्तों के साथ अमृतसिद्धि योग में अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। इस बार दो दिन यह तृतीया मनाई जाएगी। वैसे तो 29 अप्रैल को है, लेकिन मतमतांतर के चलते 28 अप्रैल को भी मनाई जाएगी।
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इस बार दो दिनों तक अक्षय तृतीया का मुहूर्त होने के कारण दोनों दिन अनबुझ मुहूर्त में शादियां होंगी।अक्षय तृतीया एक ऐसी शुभ तिथि है जिसमें कोई भी शुभ कार्य या नयी वस्तु खरीदने के लिए पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इस दौरान आप विवाह, गृह-प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी इस दिन पितृ पक्ष में किये गए पिंडदान का अच्छा परिणाम भी मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का पूजन, उपनयन संस्कार, विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य होंगे।
पूजा का शुभ मुहूर्त
28 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा जो कि 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक ही रहेगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त 28 तारीख को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से बजे से दोपहर के 12 बजकर 17 मिनि तक रहेगा।
29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक मुहूर्त रहेगा।
इस दिन शोभना योग भी रहेगा जो समृद्धि का कारक माना जाता है। ज्योतिषचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार मतमतांतर के साथ पर्व दो दिन मनाया जाएगा। भगवान विष्णु के अवतार परशुराम की जयंती मनाई जाएगी। बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होंगे।