सूर्य सप्तम भाव में हो तो
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य सपतम भाव में है तो वह जातक बहुत बड़ा दानी होता है। अगर वह दान देने में उतर आता है तो वह सबकुछ दान कर देता है। पत्नि/पति जो होगे वह ऊंचे खानदान एवं श्रेष्ठ चरित्र के होगे।
अगर इस भाव में सूर्य अशुभ है तो पत्नी रोगी रहेगी एवं जातक स्वयं पराई स्त्रियों में रूचि लेगा। गुप्त रोग होंगे। पिता के साथ एवं राज्य संबंध अच्छे नही रहेंगे। घर से परेशान होकर साधु भी बन सकता हैं। क्रोधी स्वभाव लेकिन मित्र ग्रहों की सहायता से लाभ होगा। ससुराल सुख अच्छा नही रहता। इसको शुभ स्थित में लाने के लिए ये उपाय करें-
- अगर आप चाहते है कि सूर्य शुभ स्थिति में हो तो आग को दूध से बुझाए इससे आपको लाभ मिलेगा।
- कम पर जाते समय थोड़ा मीठा गुड़ खाकर पानी पी ले।
- रोटी खाने से पहले भोजन का थोड़ा सा हिस्सा आहुति में डाले।
- काली गाय को घांस खिलाए एवं गाय की सेवा करे।
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