सूर्य शष्टम भाव में होने पर
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शष्टम भाव में है तो यह जातक दुबला-पतला होगा। ऐसे व्यक्ति मिलनसार होते है, लेकिन इनको गुस्सा बहुत ही जल्दी आता है। विरोधी एवं शत्रुओं पर विजयी, अतिचरित्रवान, धैर्यवान होगा। पुत्र जन्म के बाद व्यवसाय एवं कार्य में स्थिरता आयेगी। उच्च पदवी से सम्मानित होगा।
अगर सूर्यअशुभ स्थिति में है तो जातक को स्वाथ्य संबंधी परेशानी होगी। नेत्र रोग से घिरा होगा। मामा, मौसी एवं नैनिहाल में अशुभ प्रभाव होगा। स्त्री एवं संतान सुख कम होगा। अगर आपकी दशा में सूर्य अशुभ में है तो-
अपने घर में नदी का जल वेकर आएं और असे रखें सात ही चांदी घर में रखना शुभ होगा।
- कही पर भी धार्मिक जगहों पर दान दें।
- रात को सिहराने पानी रखकर सोने से पिता की आयु वृद्धि होगी।
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