सूर्य पंचम भाव हो तो
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव में हो तो जातक की बुद्धि श्रेष्ठ, विद्याध्ययन में सुक्ष्म विषियों को ग्रहण करने वाला होता हैं। जिस घर में ऐसे लोगों का जन्म होता है। वह भाग्यशाली होता है। जन्म लेते ही उस घर में उन्नति होने लगती है। ऐसे जातक के घर में पुत्र की संतान कम होगी। लेकिन जो भी संतान होगी उसके बाद ही आपकी आर्थिक उन्नति होगी। वह परिवार के लिए सबकुछ अर्पण कर देने वाला होगा। साथ ही वह घुमने फिरने का शौकीन होगा और सभी की सेवा करने वाला होगा।
अगर इस स्थान में सूर्य की दशा अशुभ है तो जातक कपटी, ढोंगी और ठगी चतुर होगा। बचपन में दुखी एवं जवानी में रोग ग्रस्त रहेगा। धर्म कर्म आलसी होने पर मान सम्मान की हानि होगी। प्रथम पुत्र कष्ट पायेगा एवं पुत्र पृथक रहेगा।
- इस दशा में सूर्य को शुभ करने के लिे ये उपाय करें
- लाल मुंह वाले बंदरों की सेवा करें।
- कभी किसी से झूछ न बोले औप अपने वादे को पूरा करें।
- पुराने रीतियों को माने। साथ ही कभी किसी की निंदा न करें।
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