सूर्य चतुर्थ भाव में हो तो
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव में हो तो जातक वंश परंपरा से हट कर काम करता है। नेक, दयालु एवं बुद्धिमान होगा। जीवन में सभी प्रकार के सुख पाता है। एक राजा के समान जीवन यापन करता है और लोकप्रिय रहता है। खुद की हानि कर करके भी दूसरों की मदद करता है। माता-पिता की सेवा करने पर ऐसे लोगों भाग्योदय होगा।
अशुभ प्रभाव से भाइयों से ही कलह होता रहता है जिससे मन दुखी रहता है। पिता से विरोध रहेगा। उसी के सामने उसका सब कुछ नष्ट हो जाता है। किसी से भी सहायता नही मिलती।
- पराई स्त्री से संबंध बनाने पर संतान सुख नही पायेगा।
- शरीर का कोई अंग भंग होगा या पीडि़त होगा। मानसिक क्लेश रहेगा।
- शनि सातवे पर हो तो व्यक्ति नपुसंक होगा। यदि साथ में चन्द्र पहले में हो तो डरपोक होगा। इसलिए ऐसे करें सूर्य को प्रसन्न।
- अंधों को भोजन कराएं और दान दे।
- मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
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