सूर्य तृतीय भाव हो तो
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य तृतीय भाव में है तो वह व्यक्ति पराक्रमी, परिश्रमी, दानी, प्रतापी, न्यायप्रिय निरोग और सदाचारी होता है। इन्हे झूठ से घृणा होती है। तीष्ण बुद्धि, गणित एवं ज्योतिषी में निपुण और भाग्यशाली होते है। सामान्यतः बड़े भाई का सुख नही देख पाता। ऐसे व्यक्तियों का भाग्योदय भांजे, मित्रों, भतीजो की सहायता करने से होता है। इन लोगों में सुन्दर स्त्रियो को अपनी ओर आकर्षित करने शक्ति होती है।
अगर चरित्रहीन होगा। वह कभी धनी नही हो पाते है और सूर्य का अशुभ प्रभाव इसे पीडि़त करेगा। भाइयों से अनबन रहेगी एवं बहिनो का वैवाहिक जीवन श्रेष्ठ न रह पायेगा। इन उपायों से करें सूर्य को प्रसन्न
- निर्धन व गरीब बच्चों की सहायता करें। अपने से बड़ों का सम्मान करें।
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