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सूर्य द्वितीय भाव पर हो तो
जिस व्यक्ति की कुंडली में द्वितीय भाव में सूर्य होता है। वह व्यक्ति त्यागी, दानी, सच्चरित्र एवं धार्मिक स्वभाव का होता है। ऐसे लोग अपार संपत्ति के मालिक होते है। यह लोग अपनी मधुर वाणी से सभी का दिल जीत लेते है। जिसके कारण यह सबसे प्रिय होते है। यब बहुत ही भाग्यशाली होते है। ऐसे लोगों को वाहन और चैपाया जानवरो का विशेश सुख रहता है। यह सभी को मदद करने वाला होता है। ऐसे लोगों का जन्म के बाद ही माता-पिता का भाग्य खुलता है।
सूर्य अशुभ रहने पर जातक स्त्री के कारण संबंधियों से झगड़ा करता रहता है। ऐसे व्यक्तियों के परिवार में स्त्रियों की मृत्यु ज्यादा होगी। मंगल 1 और चन्द्र में होने पर दरिद्र, आलसी एवं निर्धन होगा। इन उपायों से करें सूर्य को अशुभ स्थिति।
- रविवार के दिन नारियल, बादाम, तेल आदि का दान मंदिर में करें।
- किसी से भी गेहूं, बाजरा आदि उधार में न लें।
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