नई दिल्ली: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि और शनिवार का दिन है। साथ ही आज उत्तराभाद्रपद नक्षत्र है, जो कि आज दोपहर 01:52 तक रहेगा। आज शनिवार है और शनिवार के दिन न्याय के देवता, कर्मफल दाता शनिदेव की उपासना की जाती है। साथ ही उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी भी शनिदेव हैं।
अतः आज शनिवार के दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पड़ने से यह दिन और भी विशेष हो गया है। शनिदेव के दोषों से मुक्ति के लिये और उनकी कृपा पाने के लिये आज का दिन प्रशस्त है। अतः आज के दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में शनिदेव के निमित्त कुछ खास उपाय करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। तो आज के दिन विभिन्न राशि वालों को अपने जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए क्या उपाय करने चाहिए, आज हम इसकी चर्चा करेंगे
मेष राशि वालों अगर आप कोर्ट-कचहरी से जुड़े किसी मामले में बुरी तरह से फंसे हैं और उससे पीछा छुड़ाना चाहते हैं, तो आज शनिवार के दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में थोड़ी-सी उड़द की दाल लेकर पीपल के पेड़ के पास जमीन में दबा दें और पीपल के पेड़ के सामने दोनों हाथ जोड़कर अपनी परेशानी से छुटकारा पाने के लिये प्रार्थना करें।
आज के दिन ऐसा करने से आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों से जल्दी छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। वृष राशि वालों अगर आप अपने जीवन में बार-बार आती परेशानियों को दूर करना चाहते हैं, तो उसके लिये आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद शनिदेव के इस मंत्र का जाप करें। मंत्र
है-
“ॐ शं शनैश्चराय नम:”
आज के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करने से आपके जीवन में बार-बार आती परेशानियां धीरे-धीरे करके स्वयं ही दूर होती चली जायेंगी और आपका जीवन खुशियों से भर
जायेगा।
ये तो थी मिथुन राशि की चर्चा, अगली राशि की चर्चा से पहले आपको उत्तराभाद्रपद नक्षत्र से जुड़ी कुछ और बातें भी बता दूं- आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों की श्रेणी में से उत्तरभाद्रपद 26वां नक्षत्र है। इसका अर्थ होता है- भाग्यशाली पैरों वाला व्यक्ति। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का संबंध नीम के वृक्ष से बताया गया है। अतः उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के दौरान नीम के वृक्ष की उपासना करनी चाहिए।
इसके अलावा उत्तराभाद्रपद नक्षत्र की राशि मीन है। अतः मीन राशि वालों को या जिनका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो या जिनके नाम का पहला अक्षर द, थ और झ से शुरू होता हो, उन लोगों को आज के दिन विशेष रूप से नीम के वृक्ष की उपासना करनी चाहिए। साथ ही उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आज के दिन वे किसी भी परिस्थिति में नीम के वृक्ष को, उसकी लकड़ियों को और उसकी पत्तियों को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुचाएं। आज के दिन इन सारी बातों का पालन करने वाले को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
कर्क राशि वालों अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आज के दिन आप शनिदेव के इस विशेष मंत्र का जाप करें। मंत्र है-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: । आज के दिन इस मंत्र का 21 बार जाप करें और जाप करने के बाद पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाना न भूलें। ऐसा करने से आपको जल्द ही अपने शत्रुओं से छुटकारा मिलेगा।
सिंह राशि वालों अगर आप अपने नये बिजनेस से संबंधित किसी लीगल मैटर में उलझ गये हैं, तो उससे बाहर निकलने के लिये आज के दिन शनि स्तोत्र में दिये शनिदेव के इस मंत्र का
जाप करें।
मंत्र है- अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ।।
आज के दिन इस मंत्र का जाप करने से आपको अपने नये बिजनेस के लीगल मैटर्स सुलझाने में मदद मिलेगी।
कन्या राशि वालों शनि की ढैय्या के प्रभाव से बचना चाहते हैं, तो आज के दिन एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर, उसमें एक रूपये का सिक्का डालें। अब उस कटोरी में अपना चेहरा देखने की कोशिश करें और फिर उस तेल को सिक्के समेत शनि का दान लेने वाले, यानी किसी डाकौत को दान में दे दें। ये क्रिया
आप आज शनिवार से शुरू करके अगले सात शनिवार तक जारी रखेंगे, तो और भी शुभ फलदायी होगा, बाकी आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। ऐसा करने से आपको शनि की ढैय्या के प्रभाव से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। साथ ही यहां आपको एक विशेष बात और बता दूं कि यह उपाय कन्या राशि वालों के लिये विशेष है, लेकिन अगर कोई अन्य व्यक्ति भी चाहे, तो इस उपाय को कर सकता है। लेकिन ध्यान रहे वृष राशि और वृष लग्न वालों किसी भी हाल में ये उपाय नहीं करना चाहिए।
राशि की चर्चा से पहले शनिदेव के संबंध में भी कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लेना जरूरी है- सूर्य पुत्र और न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं। इनकी दिशा पश्चिम है और ये कृष्णवर्ण के हैं। पंचतत्वों में से शनिदेव का संबंध वायु तत्व से बताया गया है। इसके अलावा आयु, जीवन, शारीरिक बल, योग, प्रभुता, ऐश्वर्य, प्रसिद्धि, मोक्ष, ख्याति, नौकरी आदि से शनि का संबंध है।
किसी व्यक्ति की जन्मपत्रिका में शनि की स्थिति में इन सब विषयों पर विचार किया जाता है। मत्स्य पुराण के खंड 127 के 8 वें श्लोक के अनुसार शनिदेव का वाहन गिद्ध द्वारा खींचा गया जाने वाला रथ है। ये धनुष, बाण और त्रिशूल धारण
किये रहते हैं। सूर्यदेव से पुत्र का नाता होने के बावजूद इनका छत्तीस का आंकड़ा रहता है। इसके अलावा शनिदेव की पूजा के लिये शनिवार का दिन सबसे प्रशस्त है। शनिदेव से जुड़ी कुछ और बातें भी हम आपको बतायेंगे, लेकिन उससे पहले तुला, वृश्चिक और धनु राशि के बारे में जान लेते हैं।.........................hold
तुला राशि वालों अगर आप लंबी आयु का वरदान पाना चाहते हैं और ताकतवर बनना चाहते हैं, तो आज शनिवार के दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आप शनि स्तोत्र का पाठ करें। अगर शनि स्तोत्र आपके पास उपलब्ध न हो या आप उसे पढ़ने में समर्थ न हो तो शनि स्तोत्र का ऑडियो सुन लें। ऑडियो आपको इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हो जायेगा। आज के दिन ऐसा करने से आपको लंबी आयु का वरदान मिलेगा और आप ताकतवर होंगे।
वृश्चिक राशि वालों अगर आपका कोई जान-पहचान वाला आपको किसी क्षेत्र विशेष में प्रसिद्धि पाने से रोक रहा है, वह बार-बार आपके काम में अडंगा लगा रहा है, तो आज के दिन थोड़ी-सी साबुत उड़द की दाल में दो-चार बूंद सरसों का तेल मिलाकर, शनिदेव के मंदिर में रख आयें। अगर घर के आस-पास शनिदेव का कोई मन्दिर न हो, तो पीपल के पेड़ के नीचे रख आयें। आज के दिन ऐसा करने से आपको किसी क्षेत्र विशेष में प्रसिद्धि पाने से कोई नहीं रोक सकता।