अक्सर हम दिन भर की थकान के बाद जब जब रात को सोने जाते हैं तो हमारे ज़हन में दुनियां भर का, ख़ासकर बीते दिन का, लेखा-जोखा कौंधने लगता है। होता ये है कि ज़्यादातर हम उन बातों को याद कर दुखी हो जाते हैं और मायूस भी। लेकिन इस दुख और मायूसी को आप रचनात्मक सोच के ज़रिये सुख में भी बदल सकते हैं और आने वाले दिन को कहीं ज़्यादा तरोताज़ा और रचनात्मक बना सकते हैं।
दरअसल हमारा दिमाग़ ही है जो हमें बेहद ख़ुशी या दुख का अहसास करता है। यानी हमारी ख़ुशी या हमारा ग़म हमारी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। ज़ाहिर है निगेटिव सोचने से हमारे दिमाग़ पर भी उसका निगेटिव असर पड़ता है। लेकिन कुच ऐसी भी बातें हैं जिनके बारे में सोचकर हम अपने दिमाग़ को फायदा पहुंचा सकते हैं और उसे खुश रहने के लिये ट्रेंड कर सकते हैं। जब भी आपको लगे कि आप कुछ भी अच्छा नहीं सोच या कर पा रहे हैं तो सोने के पहले इन चीज़ों के बारे में सोचें।
1- बिस्तर पर लेकर सोने के पहले उन मुश्किल पलों के बारे में सोचें जिनसे आप हंसते हुए बड़ी हिम्मत से निबटे। उन कठिन और जटिल लक्ष्य को याद करें जो आपने हासिल किये हैं। इसके अलावा उन लोगों के बारे में भी सोचें जिन्हें आप बहुत प्यार करते हैं या वो जो आपकी बहुत परवाह करते हैं।
2- अगर आप आस्तिक हैं तो सोचें कि कैसे ईश्वर ने आपकी मुश्किल घड़ी में मदद की। उन ख़ूबसूरत पलों को याद करें जो आपको कलात्मक लगते हों। आप प्रकृति के किसी ऐसे दृश्य को भी याद कर सकते हैं जिससे आपको प्रेरणा मिलती हो। या फिर कुछ ऐसा याद करें जिस पर आपको गर्व हो।
3- आप उन बातों को याद कीजिये जो आपने ज़िंदगी से सीखी हैं। उन लोगों के बारे में सोचें जिनकी आपने ज़रूरत पड़ने पर मदद की हो। उस व्यक्ति के बारें में सोचें जिसे आप अपना आदर्श मानते हैं।
4- आप उन पलों को भी याद कर सकते हैं जो आपके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पल रहे हों। अपने चरित्र के बारे में सोचे और उस एक चीज़ के बारे में चिंतन करें जो आप अपने में पैदा करना चाहते हैं।
उन ख़ास बातों के बारें में सोचें जो अगर आपको मिल जाएं तो आपका जीवन धन्य हो जाए। उन चीज़ों के बारे में भी सोचें जो शायद कम लोगों को नसीब हैं।